अंबेडकरनगर। एसटीएफ की ओर से पकड़े गए माफिया खान मुबारक के फाइनेंसर रामप्रकाश वर्मा के जिले के कई सफेदपोशों से गहरे संबंध थे। बताया जाता है कि पुलिस ने इससे पहले उस पर हाथ डालने की कोशिश की, तो एक सजातीय सफेदपोश उसमें हर बार आड़े बनकर आ जाता। सत्तारूढ़ दल से जुड़े सफेदपोश के दबाव में कई बार पुलिस को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। हालांकि जब एसटीएफ ने रुचि ली, तो सभी सफेदपोशों की दाल नहीं गल पाई,ईंट-भट्ठा व्यवसायी के तौर पर समाज में पहचाने जाना वाला टांडा निवासी रामप्रकाश वर्मा अपराध जगत में भी शामिल था, इसकी जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं थी। हालांकि वह काफी रुआब से रहा करता था। महंगे फोन रखना तथा शानशौकत से रहना उसकी आदत में शुमार था। इन्हीं सबके चलते वह माफिया सरगना खान मुबारक के सानिध्य में आ गया। नोएडा में व्यापारी मुकेश भार्गव पर हुए जानलेवा हमले में रामप्रकाश का नाम सामने आया था। एसटीएफ को उसकी अरसे से तलाश थी। बीते दिन जनपद पुलिस के सहयोग से एसटीएफ ने रामप्रकाश को अकबरपुर नगर से गिरफ्तार कर लिया। रामप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद से उसके तमाम राज सामने आने लगे हैं,बताया जाता है कि रामप्रकाश के जिले के कई सफेदपोशों से गहरे संबंध थे। इसके चलते ही वह कई बार पुलिस कार्रवाई से भी बच गया। सत्तारूढ़ दल से जुड़े एक सजातीय सफेदपोश से उसके इतने निकट के संबंध थे कि बीते दिनों जब पुलिस ने उस पर हाथ डालने की कोशिश की, तो वह मुहिम सफल नहीं हो पाई। पुलिस ने हालांकि अधिकृत तौर पर सफेदपोशों से उसके संबंध को नहीं स्वीकारा है, लेकिन पुलिस सूत्रों के ही अनुसार रामप्रकाश की मदद में अकसर तमाम सफेदपोश सामने आ जाते थे। हालांकि इस बार एसटीएफ की दखल के चलते दाल नहीं गल पाई।

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