हरित प्राण ट्रस्ट ने एक विशालकाय पेड़ को दोबारा रोपकर उसको नवजीवन
प्रदान किया। इसके लिये स्थानीय नागरिकों और वन विभाग ने ट्रस्ट का पूरा सहयोग किया। लोगों ने कहा कि सरकार एनजीओ के साथ कदम से कदम मिलाकर पेड़ों को बचाने के लिये प्रयास करे तो आंधी में गिरने वाले और विकास के नाम पर काटने वाले करोड़ों पेड़ों को बचाया जा सकता है।
एक महीने पहले आयी आॅंधी में एक पिलखन का विशालकाय पेड़ गिर गया था। स्थानीय निवासियों ने पेड़ को नवजीवन प्रदान करने के लिये पर्यावरण
संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी संस्था हरित प्राण ट्रस्ट के चैयरमेन डाॅ
दिनेश बंसल से सहायता मांगी। पेड़ वन विभाग का था, इसलिये ट्रस्ट ने तुरंत वन विभाग से सम्पर्क किया। वन विभाग ने पेड़ को मरा हुआ मानकर कटान में दिखा दिया था। हरित प्राण ट्रस्ट ने वन विभाग को पेड़ में जीवन होने की
पुष्टि करते हुए बताया कि पेड़ घायल अवस्था में गिरा पड़ा है, मरा नही है। इसके लिये पेड़ को पानी दिया गया। जब दो चार दिनों में इसमें पत्ते निकल
आये तो वन विभाग ने पेड़ के रेस्क्यू करने की अनुमति प्रदान की। एक जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर की मद्द से 35 से 40 फुट के पेड़ को दोबारा जमीन में
रोपा गया। डीएफओ कल्याण सिंह, वन दरोगा रवि चैधरी, वन विभाग के अन्य कर्मचारियों सहित अनेकों लोग इस घटना के साक्षी बने। लोगों ने कहा कि
बागपत की जमीन से हरित प्राण ट्रस्ट की टीम डाॅ दिनेश बंसल, मुकेश चौधरी, महेन्द्र गोयल, सुभाष जैन, राहुल, विकास, राजेन्द्र ने पर्यावरण संरक्षण
के क्षेत्र में विश्वभर को एक ऐसा संदेश दिया, जिससे हम करोड़ो वृक्षों की रक्षा कर सकते है।
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