गन्ना बोआई का रकबा 572.794 हेक्टेयर में बढ़ने के बाद भी इस बार गन्ने का उत्पादन नहीं बढ़ पाया। पिछले पेराई सत्र में जहां चीनी मिल को 10348.854 हेक्टेयर की बोआई से 36.07 क्विंटल गन्ने की आपूर्ति हुई थी वहीं इस बार 10921.648 हेक्टेयर क्षेत्रफल से 25.07 क्विंटल गन्ने की आपूर्ति हो पाई। वर्तमान पेराई सत्र के लिए एक दिसंबर से शुरू हुई पेराई इस बार 24 फरवरी को बंद हो गई। गन्ने के पिछले पेराई सत्र के बकाया मूल्यों का भुगतान अभी भी लंबित है। पिछले पेराई सत्र में 11599.34 लाख रुपयों का गन्ना 11839 किसानों से खरीदा गया था। अभी तक 6875 किसानों का 301.79 लाख रुपया मिल पर बकाया है। गन्ना समिति के अंशदान का भी 100.45 लाख रुपये भी मिल पर बकाया है। चालू पेराई सत्र में खरीदे गये गन्ने का एक रुपया भी किसानों को भुगतान नहीं हो पाया है। पिछले पेराई सत्र का बकाया मूल्य दिलाने के लिए किसानों व समाजसेवी लोगों ने काफी दबाव बनाया लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं हुआ।
गन्ना समिति सचिव शेषपाल सिंह का कहना है कि पिछले पेराई सत्र का भुगतान दिलाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। होली से पहले बकाये मूल्यों के साथ वर्तमान पेराई सत्र का भी भुगतान कराने का आश्वासन मिल अधिकारियों ने दिया है।
असगर अली
उतरौला
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