28 मार्च को होलिका दहन के बाद अगले दिन रंग-गुलाल उड़ाए जाएंगे। महज कुछ ही दिन का वक्त शेष बचा है। पर्व पर रंग, पकवान और नए कपड़ों का खास महत्व रहता है। नगर पंचायत समेत ग्रामीण इलाकों में भी छोटी-बड़ी बाजारों में रौनक बढ़ गई है। सड़क की पटरियों पर रंग-अबीर, पिचकारी, पापड़ की दुकानें सज गई हैं। परचून की दुकानों में भी मेवा, मैदा और वनस्पति के खरीदारों की भीड़ दिख रही है। हर साल की तरह इस बार भी बाजार में कुछ न कुछ नए आइटम देखने को मिल रहे हैं। देशी के साथ ही चाइनीच पापड़-चिप्स से दुकानें सजी हैं। पिचकारी बाजार में इस बार चाइनीज के साथ देशी आइटमों की ज्यादा डिमांड दिख रही है। इसमें तरह-तरह के कार्टून, मास्क आदि बच्चों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। रंग और गुलाल की खरीदारी में लोगों को काफी सावधानी बरतते देखा जा रहा है। लोग केमिकल युक्त के बजाय हर्बल गुलाल और रंग को ज्यादा पस्सन्द कर रहे। रंग अबीर गुलाल पिचकारी की दुकानें पूरी तरह से सजी हुई है और विक्री का दौर चल रहा है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि इस बार पंचायत चुनाव का माहौल है और अच्छी बिक्री होने का संकेत मिला है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know