मथुरा || हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार मनाया जाता है जो इस साल 11 मार्च गुरुवार को है. वैसे तो इस साल महाशिवरात्रि बेहद खास शिव योग (Shiv Yoga), सिद्ध योग (Siddha Yoga) और धनिष्ठा नक्षत्र के बीच मनायी जा रही है जो बेहद शुभ है. लेकिन इसी के साथ ज्योतिषविदों की मानें तो 11 मार्च यानी महाशिवरात्रि के दिन से ही पंचक (Panchak) भी लगने जा रहा है. पंचक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों के अलावा कई और तरह के कार्यों की भी मनाही होती है. तो आखिर क्या है पंचक, कब लगता है पंचक और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए, जानें.

क्या होता है पंचक?
धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती इन पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) के अनुसार पंचक का निर्माण नक्षत्रों के मेल से होता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में रहता है और इन पांचों नक्षत्र में जब चंद्रमा गोचर करता है तब इस समय पंचक काल का निर्माण होता है. पंचक को कई जगहों पर भदवा भी कहा जाता है. वैसे तो ज्योतिष में पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में पंचक शुभ भी हो सकता है|

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने