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खबर का असर

विवादों में घिरे पिरौना चौकी इंचार्ज हुए लाइन हाजिर 

-पंचायत चुनाव से पूर्व निरोधात्मक कार्रवाई के नाम पर कर रहे थे मनमानी 

- एसपी के संज्ञान लेने के बाद हुई कार्रवाई, एसआई लालबहादुर को मिली कमान 


हेमन्त चौरसिया(राष्ट्रीय सहारा)

उरई(एसएनबी)। पंचायत चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए निरोधात्मक कार्रवाई के नाम पर मनमानी कर रहे पिरौना चौकी इंचार्ज अशोक कुमार वर्मा पर आखिरकार कार्रवाई की गाज गिर ही गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा महकमे में किए गए फेरबदल मेंं पिरौना चौकी इंचार्ज को चौकी के चार्ज से हटाते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं उनकी जगह पर अब उपनिरीक्षक लालबहादुर को पिरौना चौकी का इंचार्ज बनाया गया है। 

बताते चलें कि अपनी विवादित कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले उपनिरीक्षक अशोक कुमार एक बार फिर से विवादों में घिरे हुए हैं। पंचायत चुनाव में किसी भी प्रकार की गड$बड़ी रोकने के लिए उन्होंने निरोधात्मक कार्रवाई के नाम पर मनमानी शुरू कर दी थी। पिरौना चौकी इंचार्ज रहते हुए उन्होंने ऐसे लोगों पर भी 107/16 की कार्रवाई कर दी जो अपनी अधिक उम्र के कारण स्वयं बिना सहारे के ठीक से खड़े होने क ी स्थिति में नहीं है, एेसे लोगों से भी इन्हें चुनाव में गड़बड़ी होने की आशंका थी। इसके अलावा पुलिस की मदद करने के लिए बनाए गए पुलिस मित्रों पर भी इन्हें शक था कि वह चुनाव में गडबड़ी कर सकते हैं। इस मनमानी को लेकर पीडि़तों ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। इस खबर को राष्ट्रीय सहारा ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने इसे गंभीरता से लिया और मामले की जांच कराई। जिसमें यह पाया गया कि वाकई में उपनिरीक्षक अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमानी कर रहे हैं। इसके बाद सोमवार की देर रात पुलिस अधीक्षक ने फेरबदल किया। जिसमें पिरौना चौकी इंचार्ज अशोक कुमार वर्मा को चौकी से हटाते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया। उनकी जगह पर अब एट थाने में तैनात उपनिरीक्षक लालबहादुर को चौकी इंचार्ज बनाया गया है। बताते चलें कि लालबहादुर इससे पूर्व उरई कोतवाली में भी तैनात रह चुके हैं और तिलक नगर चौकी इंचार्ज रहे हैं। अब क्षेत्रीय लोगों को उम्मीद है कि उन्हें पुलिस के उत्पीडऩ से मुक्ति मिल सकेगी। 


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इस बार कार्रवाई से नहीं बच पाए उपनिरीक्षक अशोक वर्मा 

उरई। लगातार विवादों में घिरे रहने के बाद भी उपनिरीक्षक अशोक कुमार वर्मा अब तक कार्रवाई से बचते रहे हैं। इससे पूर्व उरई में तैनाती के दौरान भी उन पर कई गंभीर आरोप लगे थे। लेकिन तब तत्कालीन एसपी की कार्रवाई से वह बच गए थे। इसके चलते उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ और वर्तमान पुलिस अधीक्षक की तमाम हिदायतों के बाद भी वह मनमानी करते रहे। जिसका खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ गया। 



इस तरह हुआ पुलिस महकमे में फेरबदल
उरई। पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने महकमे में फेरबदल करते हुए निरीक्षक सुधाकर मिश्रा को अपराध शाखा से प्रभारी रिटसेल, पैरवी सेल व विशेष जांच प्रकोष्ठ बनाया है। निरीक्षक ललित कुमारी को परिवार परामर्श केंद्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं निरीक्षक संजय कुमार सिंह को आरजीआरएस का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि उपनिरीक्षकों में शीतला प्रसाद मिश्र को पुलिस लाइन से थाना कालपी, दिनेश कुमार कुरील को एसएसआई कालपी से एसएसआई कोटरा, योगेंद्र शर्मा को पुलिस लाइन से एसएसआई कदौरा, कमल किशोर को पुलिस लाइन से थाना गोहन, मयंक वर्मा को मेडिकल चौकी से थाना रेंढऱ, अनिल चौहान को बंगरा चौकी से थाना सिरसाकलार, योगेश पाठक को पुलिस लाइन से थाना सिरसाकलार, गौरव कुमार मिश्र को थाना रेंढऱ से प्रभारी चौकी बंगरा, मंसूर अंसारी को उरई कोतवाली से प्रभारी चौकी मेडिकल कालेज, योगेंद्र पटेल को जालौन से प्रभारी शिकायत प्रकोष्ठ, रामचंद्र को थाना सिरसाकलार से पुलिस लाइन, सुरेंद्र नाथ सिंह को प्रधान लिपिक कार्यालय से पुलिस लाइन, आरक्षी वीपी सिंह को कालपी से पुलिस लाइन, दानवीर को कालपी से पुलिस लाइन, रवि कुमार को पुलिस लाइन से एसआेजी, निखिल पटेल को थाना कोंच से पेशी कोंच भेजा है।


जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट।

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