लूट, छेड़छाड़ और गंभीर आरोपों के मामले में लंबित परिवाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) दिवाकर कुमार ने बीएचयू की पूर्व चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयना सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। लंका निवासी आशीष सिंह ने तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयना सिंह के खिलाफ अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी के मार्फत अदालत में परिवाद दायर किया था।
इस मामले में परिवादी का बयान दर्ज होने पर अदालत ने प्रो. रोयना सिंह को पिछले वर्ष दो मार्च को सम्मन जारी किया। बाद में हाईकोर्ट से स्थगन आदेश पारित होने के बाद कार्रवाई पर रोक लग गई थी। स्थगन की समयावधि में बढ़ोतरी न होने और प्रो. रोयना सिंह के मौजूद न होने पर परिवादी के अधिवक्ता ने वारंट जारी करने की अदालत से अपील की। अधिवक्ता ने स्थगन आदेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की नजीर भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत की। दोनों पक्षों की बहस सुनने और पत्रावलियों के अवलोकन के बाद अदालत ने प्रो. रोयना सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी। परन्तु रोयना सिंह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुईं। ऐसे में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम दिवाकर कुमार ने उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करते हुए न्यायालय में 30 अप्रैल तक हाजिर होने को कहा है। आशीष सिंह का आरोप है कि बीएचयू का आवास खाली कराने के लिए प्रो. रोयना सिंह कई लोगों को लेकर उनके आवास पर आई थीं। अदालत का स्थगन आदेश दिखाने पर उसे फर्जी करार देते हुए फाड़ दिया था। उनके साथ आए आधा दर्जन लोगों ने उनकी गर्भवती पत्नी के साथ बदसलूकी की और उन्हें जबरन घर से उठा कर प्रॉक्टर कार्यालय ले गए
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