प्रसाशन की मेले पर रोक के बावजूद भक्तों की भीड़ उमड़ी तीनो दिन बड़केश्वर महादेव


 अंतिम दिन अमावस्या को पैदल ओर वाहनों से बड़ी संख्या में ग्रामीणजन पहुँचे 

बाग़ । आखिरकार भले ही प्रसाशन ने कोविड का हवाला देकर क्षेत्र के सबसे बड़े महाशिवरात्रि के बड़केश्वर महादेव मेले पर रोक लगा दी हो परन्तु भक्तों को बड़केश्वर जाने से कोई रोक नही पाया और एक बार फिर आस्था का सैलाब धर्म की ध्वजा के साथ उँचा रहा।

महाशिवरात्रि पर लगने वाले बड़केश्वर महादेव मेले के स्थगित होने के बावजूद तीन दिनों तक शिव भक्तों का जन सैलाब बड़केश्वर महादेव पहुँचकर भोलेनाथ का दर्शन कर जलाभिषेक भी किया और अंतिम दिन अमावस्या को वहाँ मेले का छोटा स्वरूप भी देखने को मिला जिसमे नारियल,गन्ना रस,फल-फ्रूट,चाय,नाश्ता के साथ खेल खिलोने की दुकानें भी दिखाई दी तो साथ ही सजी हुई तीर ओर कमान भी जमकर बीके।

 सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि ग्रामीण वाहनों से बड़ी सख्या में पहुँचे ही परन्तु अनेक ग्रामीण अपने छोटे-छोटे बच्चो के साथ चील चिलाती धूप में मुख्यमार्ग सहित आसपास के ग्रामो से पैदल ही बड़केश्वर महादेव के समुख अपनी आस्था और विश्वास के साथ पहुँचे की उनका प्रतिवर्ष का बड़केश्वर महादेव का दर्शन करने का क्रम नही टूटे । ज्ञात हो कि यही से अमावस्या पर पारंपरिक आदिवासियों द्वारा गैर निकालकर भगोरिया पर्व की शुरुआत क्षेत्र में होती है।

 कोविड-19 के चलते प्रशासन द्वारा इस बार महाशिवरात्रि पर आयोजित होने वाला मालवा ओर निमाड़ का सबसे बड़ा मेला स्थगित कर दिया गया इसके बावजूद सम्पूर्ण क्षेत्र के जन जन की आस्था के केंद्र , प्रख्यात बड़केश्वर महादेव के दर्शन हेतु ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में बाइकों , चार पहिया वाहनों , ट्रेक्टर , पिकअप वाहनों से बड़केश्वर महादेव   पहुंचे ओर भगवान का जलाभिषेक कर दर्शन लाभ लिये।


जमकर बजाई मांदल, नाचे ओर भरी कुर्राटी


महाशिवरात्रि के तीसरे दिन अमावस्या के दिन बड़केश्वर महादेव में ग्रामीणों ने जमकर ढोल ओर मांदल बजाई ओर भगवान बड़केश्वर महादेव के सम्मुख नाचकर कुर्राटी भी भरी साथ ही पारंपरिक गैर भी निकाली इस अवसर पर खण्डलाई पटेल अरविंद के साथ अन्य साफे में पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी बुजुर्ग भी साथ थे जिन्होंने भी मांदल बजाकर भगवान भोलेनाथ के समुख परम्पराओ का निर्वहन किया।

        

अमावस्या को ज्यादा यवस्था नही दिखी,कुक्षी जनपद के कर्मचारी दिखे मुस्तेद 


बड़केश्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि के दिन तो पुलिस और प्रशासन मुस्तेद दिखाई दिया परन्तु उसके दूसरे ओर तीसरे दिन वैसी यवस्था ओर सुरक्षा के इंतजाम नही दिखे जैसी होनी चाहिए जबकि कूक्षी जनपद के कर्मचारी जरूर मुस्तेद दिखाई दिए जबकि अन्य यवस्थाओ को संभालने वाले गायब नजर आए।

 

 

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