NCR News :नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने नए कृषि कानूनों को तुरंत लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि अगर ये कानून लागू नहीं हुए तो 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा, ‘कृषि कानूनों पर बने गतिरोध को तोड़ने का रास्ता सिर्फ ‘एक हाथ दे-दूजे हाथ ले’ के भाव से ही निकलेगा।अगर हम ये सोचेंगे कि अड़कर अपनी मांगें मनवा लेंगे तो कोई रास्ता नहीं निकलने वाला। सरकार ने किसान नेताओं को खुला विकल्प दिया है। सरकार नए कानूनों के हर पहलू पर बात और विचार करने के लिए तैयार है। कानूनों को एक-डेढ़ साल के लिए रोकने को भी तैयार है। लिहाजा, किसान नेताओं को इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। जो प्रावधान उन्हें अपने हितों के खिलाफ लगते हैं, उन पर सरकार का ध्यान दिलाना चाहिए। उनमें बदलाव की मांग करना चाहिए।’ गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं।बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है क्योंकि सरकार कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारी किसानों की एक अन्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अनिवार्य करने की है। इस पर सहमति नहीं बन सकी है।
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