अंबेडकर नगर । तहसील समाधान दिवस में जिलाधिकारी से मिलने से वृद्ध महिला को कर्मचारियों द्वारा रोके जाने के बाद अपनी शिकायत दर्ज ना होने के कारण जिलाधिकारी के जाने के बाद वह फफक कर रोने लगी । बोली क्या यही तहसील दिवस का असली चेहरा है। मामला जलालपुर ब्लॉक के उतरौला गांव का है। गॉव की दुर्गावती पत्नी स्वर्गीय राम निहोर वृद्ध महिला अपने जमीनी समस्या को लेकर चक्कर काट रही है । गांव की राजनैतिक द्वेष वश वा तहसील कर्मियों की मिलीभगत से इसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। जिसके बाबत जिलाधिकारी से शिकायत करने आई महिला ने बताया कि मेरे 2 पुत्र थे जिसकी साल भर पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी और उसकी पत्नी वर्षों पूर्व इसे छोड़ कर दूसरी जगह शादी कर ली थी जिसका वरासत मेरे नाम होना था परंतु गांव की कुछ दबंगों द्वारा उसकी तथाकथित पुत्री को लाकर वरासत करा दिए जबकि अभी तक परिवार रजिस्टर में उसका नाम भी दर्ज नहीं है और उस लड़की का जन्म भी यहां से नहीं हुआ था। पीड़िता ने परिवार रजिस्टर की नकल दिखाते हुए बताया कि इसका नाम जलालपुर ब्लॉक क्षेत्र के नंन्देसर गांव में रीता देवी के नाम से परिवार रजिस्टर में दर्ज है। जबकि यहां प्रीति के नाम से परिवार रजिस्टर में दर्ज कराया गया है।पीड़िता ने बताया कि मृतक बेटे के नाम लगभग 3 बीघा जमीन है जिसके गांव के कुछ दबंग लोग मिलकर लड़की के नाम वरासत करा कर अपने नाम लिखवाना चाहते हैं। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से करने आई थी परंतु तहसील के कर्मियों द्वारा मुझे जिलाधिकारी से मिलने नहीं दिया गया अब ऐसे में हमें न्याय कैसे मिलेगा जबकि पीड़ितों के लिए ही समाधान दिवस लगाया जाता है।

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