श्री चिंतामणि गणेश मंदिर सोनारपुरा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के समापन पर रविवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शिव-पार्वती के स्वरूप के साथ बाबा के गण अबीर-गुलाल व भस्म उड़ा रहे थे। काली के स्वरूप भी करतब भी दिखाए।शोभायात्रा में मंदिर के महंत सुब्बाराव शास्त्री, कथा मर्मज्ञ व्यास पं. तुंगनाथ त्रिपाठी एवं राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र शामिल थे। शोभायात्रा हनुमान घाट, शिवाला, अस्सी, भेलूपुर होते हुए पुनः मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हो गई। इसके पूर्व श्रीमद्भागवत कथा हुई। पं. तुंगनाथ त्रिपाठी ने कहा कि जीव का सच्चा मित्र भगवान है। संसार का प्रेम तो स्वार्थमय होता है। यह जीव का परमात्मा से अंतर मिलन है। भगवान भक्ति में मित्र ही नहीं सेवक भी बन जाते हैं। आज भी लोग कृष्ण सुदामा की मित्रता को उदाहरण देते हैं। प्रारंभ में व्यासपीठ का पूजन आरती महंत सुब्बाराव शास्त्री ने किया। कथा के उपलक्ष्य में 27 मार्च को भंडारा होगा।

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