NCR News:जान भी और जहां भी' की भावना के साथ आज से ठीक एक साल पहले देशभर में 22 मार्च के दिन जनता कर्फ्यू लगाया गया था। प्रधानमंत्री के आह्वान पर कोरोना से लोहा लेने की इस पहली मुहिम को लोगों ने भी सफल बनाया था। पूरे दिन लोग अपने घरों में रहे और शाम को पांच बजे ताली और थाली बजाकर कोरोना से जंग लड़ने वाले फ्रंट लाइन वर्करों को सम्मान दिया गया था। यह पहला ऐसा कर्फ्यू था जिसमें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और आसाम से लेकर गुजरात तक एक भी आदमी सड़क पर नहीं दिखाई दे रहा था।गलियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ था और इलाकों के जानवर ज्यादा बेचैन दिख रहे थे क्योंकि ऐसा अनुभव उनके लिए भी नया था। आगे देखें एक साल पहले की कुछ ऐसी ही तस्वीरें जब सड़कों से लेकर गली कूचे तक हो गए थे चुप और हर ओर थी खामोशी ही खामोशी....जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा लागू इस कर्फ्यू का मकसद कोरोना वायरस को समुदायों के बीच फैलने से रोकना था। तब लोगों ने अपने घरों में रहकर संक्रमण के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका अदा की थी। दिसंबर से लेकर फरवरी के बीच संक्रमण खत्म होता नजर रहा था, लेकिन अब एक साल बाद वही हालात फिर से बनने की आशंका हर दिन बढ़ती जा रही है। रोजाना कोरोना के रिकॉर्ड मामले चिंता बढ़ा रहे हैं।

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