स्लम में रहने वालों को पक्के मकान उपलब्ध कराएगी शहरी स्लम पुनर्विकास योजना-नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन जी
नगर विकास मंत्री ने दिए निर्देश 15 अप्रैल तक बनेगा शहरी स्लम पुनर्विकास योजना का पूरा प्लान
नगर विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंर्तगत शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में प्रजेन्टेशन अवलोकित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए
लखनऊ 16 मार्च, 2021
माननीय नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंर्तगत स्व- स्थाने स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में मंगलवार को राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में योजना की समीक्षा बैठक की। योजना की समीक्षा करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे। जिसके लिए सूडा द्वारा प्लान तैयार किया जा रहा है। मंत्री जी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक इस योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए। जिसके बाद इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश स्लम पुनर्विकास पॉलिसी को प्रस्तावित किया जाएगा।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि यह परियोजना विशेष रूप से स्लमों की महिलाओं और बच्चों पर ध्यान केंद्रित करेगी एवं अन्य लाभार्थी जैसे कि बूढ़े, दिव्यांगजनों, महिलाओं की अगुवाई वाले परिवार आदि हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे कि संरचनाओं को डिजाइन एवं ले-आउट करते समय लाभार्थियों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि इस परियोजना का निर्माण कार्य अनुमोदन की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।
योजना का क्या है उद्देश्य
स्व-स्थाने स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमियों ( सरकार की भूमि ध्शहरी स्थानीय निकायों की भूमि) पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से इन-सीटू (स्व-स्थाने) पुनर्विकसित किया जाएगा। निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है। सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है, कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकायध्विकास प्राधिकरणध्आवास एवं विकास परिषद को उपलब्ध करायी जायेगी। सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है।
लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ
इस परियोजना के तहत, स्लम में लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे। लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल आदि जैसी मूलभूत सुविधायें को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे।
आवास के जरूरी है ये दस्तावेज
इस परियोजना के लिए दिनांक 25.6.2015 को या उससे पहले स्लम में रहने वाले परिवारों को लाभार्थी माना जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय द्वारा लाभार्थियों की एक सूची निम्नलिखित दस्तावेजों जैसे- आवासीय प्रमाण, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन बिल, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी एक के आधार माना जायेगा।
समीक्षा बैठक में माननीय नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन जी, अपर मुख्य सचिव, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन श्री डॉ. रजनीश दुबे जी, निदेशक सूडा श्री उमेश प्रताप सिंह जी, अपर निदेशक सूडा श्री आलोक सिंह जी, सहायक निदेशक सुश्री पूजा अग्निहोत्री, वित्त नियंत्रक सूडा श्री संपूर्णानंद द्विवेदी जी समते कई अधिकारी मौजूद रहे।
नगर विकास मंत्री ने दिए निर्देश 15 अप्रैल तक बनेगा शहरी स्लम पुनर्विकास योजना का पूरा प्लान
नगर विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंर्तगत शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में प्रजेन्टेशन अवलोकित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए
लखनऊ 16 मार्च, 2021
माननीय नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंर्तगत स्व- स्थाने स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में मंगलवार को राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में योजना की समीक्षा बैठक की। योजना की समीक्षा करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे। जिसके लिए सूडा द्वारा प्लान तैयार किया जा रहा है। मंत्री जी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक इस योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए। जिसके बाद इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश स्लम पुनर्विकास पॉलिसी को प्रस्तावित किया जाएगा।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि यह परियोजना विशेष रूप से स्लमों की महिलाओं और बच्चों पर ध्यान केंद्रित करेगी एवं अन्य लाभार्थी जैसे कि बूढ़े, दिव्यांगजनों, महिलाओं की अगुवाई वाले परिवार आदि हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे कि संरचनाओं को डिजाइन एवं ले-आउट करते समय लाभार्थियों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि इस परियोजना का निर्माण कार्य अनुमोदन की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।
योजना का क्या है उद्देश्य
स्व-स्थाने स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमियों ( सरकार की भूमि ध्शहरी स्थानीय निकायों की भूमि) पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से इन-सीटू (स्व-स्थाने) पुनर्विकसित किया जाएगा। निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है। सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है, कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकायध्विकास प्राधिकरणध्आवास एवं विकास परिषद को उपलब्ध करायी जायेगी। सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है।
लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ
इस परियोजना के तहत, स्लम में लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे। लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल आदि जैसी मूलभूत सुविधायें को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे।
आवास के जरूरी है ये दस्तावेज
इस परियोजना के लिए दिनांक 25.6.2015 को या उससे पहले स्लम में रहने वाले परिवारों को लाभार्थी माना जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय द्वारा लाभार्थियों की एक सूची निम्नलिखित दस्तावेजों जैसे- आवासीय प्रमाण, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन बिल, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी एक के आधार माना जायेगा।
समीक्षा बैठक में माननीय नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन जी, अपर मुख्य सचिव, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन श्री डॉ. रजनीश दुबे जी, निदेशक सूडा श्री उमेश प्रताप सिंह जी, अपर निदेशक सूडा श्री आलोक सिंह जी, सहायक निदेशक सुश्री पूजा अग्निहोत्री, वित्त नियंत्रक सूडा श्री संपूर्णानंद द्विवेदी जी समते कई अधिकारी मौजूद रहे।
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