मिर्जापुर। हिन्दीसंवाद
बैंकों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गयी। बैंकों में बुधवार को सुबह दस बजे जब कामकाज शुरु हुआ तो सर्वर ही धोखा दे दिया। इससे लोगों को बैंक में धन जमा और निकासी करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई व्यापारियों को मजबूरन आरटीजीएस किए बगैर ही बैंकों से लौट जाना पड़ा।
बीते शनिवार से मंगलवार तक बैंकों में बंदी रही। इनमें शनिवार और रविवार को बैंकों में सार्वजनिक अवकाश था। वहीं सोमवार और मंगलवार को बैंकों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंकों में एक साथ चार दिनों की बंदी से जहां सरकारी चेकों की क्लीयरिंग नहीं हो पायी। वहीं जिले के व्यापारी भी गैर प्रांतों से माल मंगवाने के लिए व्यापारियों को आरटीजीएस नहीं कर पाए थे। बैंकों की हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गयी। सुबह दस बजे बैंकों के चार दिनों बाद ताले खुले तो सर्वर ने ही धोखा दे दिया। नगर के विभिन्न बैंकों के सर्वर शाम चार बजे तक फेल रहे। इससे बैंकों से धन की जमा और निकासी नहीं हो पायी। सुबह से ही बैंकों में धन जमा करने के लिए खड़े लोगों को मजबूरन वापस लौट जाना पड़ा। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई व्यापारी गैर जिले और प्रांतों से माल नहीं मंगवा पाए। स्थिति रही कि भुगतान को लेकर व्यापारी खासे परेशान रहे। सरकारी विभागों का चेक भी क्लीयर नहीं हो पाया। बैंकों में हड़ताल के कारण दो दिनों से लगभग छह सौ करोड़ के चेकों की क्लीयरिंग करने में बैंक कर्मचारियों को सर्वर के इंतजार में देर शाम तक बैंक में ड्यूटी देनी पड़ी।
एटीएम पर लोगों की धन निकासी के लिए रही भीड़
मिर्जापुर। बैंकों का सर्वर फेल हो जाने से आम लोगों की धन निकासी के लिए एटीएम पर सुबह से ही भीड़ लगी रही। बैंकों की हड़ताल समाप्त होने के बाद बुधवार को सुबह से ही एटीएम से अचानक धन की निकासी शुरू हो गयी। जिसे पता चलता था कि एटीएम से धन की निकासी हो रही है वह एटीएम पर पहुंच जाता था। नगर के डंकीनगंज, वासलीगंज, रमईपट्टी, स्टेशन रोड व रोडवेज आदि स्थानों पर लगे एटीएम पर धन की निकासी के लिए लोगों का आवागमन बना रहा।
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