मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को मौसम देखते हुए खेतीबारी की सलाह दी है।
डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन केंद्र के समन्वयक एवं ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो.आर के मल्ल ने बताया कि दो दिन के बाद आसमान में फिर से बादलों की आवा-जाही बने रहने की संभावना है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के तकनीकी अधिकारी शिव मंगल सिंह ने बताया कि आसमान में बादल देखकर किसान भाई चिंतित न हों। क्योंकि बारिश की कोई संभावना नहीं है। युवा मौसम वैैज्ञानिक ने खड़ी फसलों में जरूरत के हिसाब से सिंचाई की सलाह दी है। कहा फसलों की यदि जरूरी सिंचाई हो तो रात के समय ही करें। क्योंकि दिन के समय में हवा गति सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
डीएसटी महामना जलवायु परिवर्तन केंद्र के समन्वयक एवं ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो.आर के मल्ल ने बताया कि दो दिन के बाद आसमान में फिर से बादलों की आवा-जाही बने रहने की संभावना है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा बीएचयू वाराणसी के तकनीकी अधिकारी शिव मंगल सिंह ने बताया कि आसमान में बादल देखकर किसान भाई चिंतित न हों। क्योंकि बारिश की कोई संभावना नहीं है। युवा मौसम वैैज्ञानिक ने खड़ी फसलों में जरूरत के हिसाब से सिंचाई की सलाह दी है। कहा फसलों की यदि जरूरी सिंचाई हो तो रात के समय ही करें। क्योंकि दिन के समय में हवा गति सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
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