*कोर्ट के आदेश पर 4 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज फर्जी वसीयतनामा तैयार कर संपत्ति हथियाने का आरोप*
*अयोध्या*
दूसरे को खड़ा करके वसीयतनामा तैयार करके वसीयत कराने के आरोप में कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध कूट रचित धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
मामला चौरे बाजार पुलिस चौकी क्षेत्र के चौरे चंदौली देवगिरिया गांव का है। गांव निवासी रामकृष्ण शुक्ला पुत्र राम कुमार शुक्ला वर्तमान पता नीलम बगला कृष्णा कॉलोनी सांगली महाराष्ट्र द्वारा दिए गए शिकायत पत्र पर आरोपी चौरे चंदौली निवासी रामनारायन, जय राम नारायन शुक्ल, डेहरीयावा बीकापुर निवासी जितेंद्र तिवारी तथा अमावा मुमारिच नगर बीकापुर निवासी तेज बहादुर मिश्र के विरुद्ध पुलिस द्वारा धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के अंतर्गत केस दर्ज किया है।
कोर्ट में दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र में पीड़ित द्वारा बताया गया है कि वह चौरे चंदौली बीकापुर का निवासी है। तथा रोजी-रोटी और व्यवसाय के सिलसिले में सांगली महाराष्ट्र में निवास करता है। उनके भाई रामनारायन व उनका पुत्र जय राम नारायण अपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। उनके पिता राम कुमार शुक्ला के नाम का एक फर्जी कूट रचित वसीयतनामा वर्ष 2018 में अपने सहयोगी जितेंद्र तिवारी ग्राम डेहरियावा बीकापुर, व तेज बहादुर मिश्र निवासी अमावा मुमारिच नगर बीकापुर की मिलीभगत से रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों को मिलाकर राम कुमार शुक्ला के स्थान पर उन्हीं से मिलते जुलते किसी वृद्ध व्यक्ति को खड़ा करके करा लिया। एवं उक्त कूट रचित अभिलेख के आधार पर संपत्ति प्राप्त करने के उद्देश्य संदेहास्पद रूप से रेल से गिरने के कारण मृत्यु दर्शित कर अपने नाम अंकित करा लेने के उद्देश्य जितेंद्र तिवारी द्वारा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कूट रचित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर बिना किसी इश्तेहार के जारी हुए संपत्ति जय राम नारायन शुक्ला के नाम कर दिया। तथा उन्हें उक्त लोगों द्वारा धमकी दी गई कि यदि गांव में आए तो तुम्हारी हत्या कर देंगे। उसके बाद वह तथा उनका परिवार अपनी संपत्ति से वंचित होकर उक्त लोगों के डर की वजह से अपना घर छोड़कर इधर-उधर निवास कर रहा है। मामले की जानकारी होने के बाद कोतवाली बीकापुर में शिकायत प्रार्थना पत्र दिया था। कोई कार्यवाही ना होने पर 23 जनवरी 2021 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तो शिकायत प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन कोई कार्यवाही ना होने पर कोर्ट की शरण में जाना पड़ा।--------*डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव, अयोध्या ब्यूरो चीफ*
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know