अंबेडकरनगर - इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन ने 28 रजब सन 60 हिजरी को मदीना से कर्बला के लिए अपने काफिले के साथ कूच किया था। लगभग छह माह में कठिन मंजिल तय करके दो मुहर्रम को सर जमीन-ए-कर्बला पहुंचे थे जहां इस्लाम धर्म और मानवता की रक्षा के लिए यजीद की विशाल सेना से निर्णायक युद्ध हुआ था उन्हीं इमाम की याद में नगर के लोरपुर ताजन के मोहल्ला हुसैनाबाद में कोरोना गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंजुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड हुसैनाबाद के तत्वाधान में व मोमिनीने लोरपुर की तरफ से 28 रजब का वार्षिक मातमी जुलूस सफर-ए-मदीना शनिवार को मस्जिद हुसैनाबाद से गमगीन माहौल में निकाला गया जुलूस में इम्तियाज हुसैन ने संयुक्त संचालन किया मौलाना सैय्यद शबाब हैदर व निजाम अब्बास ने तकरीर को संबोधित किया। जुलूस में अलमे मुबारक व जुल्जनाह की जियारत कराई गई जुलूस में अंजुमन हुसैनिया ने नौहा पढ़ा। सफर मदीने से करता है सैय्यदा का पिसर वतन से आज निकलता है सैय्यदा का पिसर अंजुमन मासूमिया रजिस्टर्ड व अंजुमन जाफरिया पेवाड़ा रजिस्टर्ड ने नौहा पेश कर कर्बला के शहीदों को याद किया। जूलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ कर्बला पहुंचकर जूलूस का समापन हुआ!

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