NCR News:गाेवा सरकार द्वारा विधि सचिव काे राज्य चुनाव आयुक्त बनाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा है, “राज्य का चुनाव आयुक्त एक स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए। राज्य सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रदेश का चुनाव आयुक्त नियुक्त करना भारत के संविधान के विरुद्ध है।’ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ‘लोकतंत्र में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जा सकता।सरकार में किसी पद पर बैठे व्यक्ति को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपना संविधान का मखौल उड़ाने जैसा है। अगर काेई सरकारी अधिकारी चुनाव आयाेग में नियुक्त किया जाता है, ताे उसे पहले सरकारी पद से इस्तीफा देना हाेगा।’ कोर्ट ने कहा, ‘गोवा में जिस तरह राज्य चुनाव आयुक्त का पद सरकार के सचिव को दिया गया।वह परेशान करने वाला है। सरकारी कर्मचारी, जो सरकार के अधीन है, गोवा में चुनाव आयोग का प्रभारी भी है। यही नहीं, उस सरकारी अधिकारी ने पंचायत चुनाव के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को पलटने का प्रयास भी किया।’सुप्रीम काेर्ट में गोवा सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। हाईकाेर्ट ने महिला और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए वार्डों के आरक्षण में कानूनाें का पालन न करने के कारण राज्य चुनाव अायाेग की अधिसूचना खारिज कर दी थी।
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