NCR News:मैं मां से कहता था कि ये आदमी तुम्हें कभी वफा नहीं देगा। सिरफिरा है, कुछ भी कर सकता है.. मैंने अपनी पत्नी को भी अकेले रहने पर कमरे में अंदर से कुंडी बंद कर रहने की हिदायत दी थी। मुझे अपने बाप पर विश्वास नहीं था। मेरी मां और बहनों ने क्या बिगाड़ा था जालिम बाप का। खून के रिश्तों पर हथौड़े बरसाकर बेदर्दी से हत्या करते वक्त बेरहम के हाथ भी नहीं कांपे।' पोस्टमार्टम हाउस में मृतका का पुत्र दिलशाद मां से कही बातों को याद कर बिलख पड़ा।दिलशाद ने बताया कि आए दिन उसका पिता मां समेत अन्य परिजनों के साथ झगड़ा-फसाद करता था। पिता की इन्हीं करतूतों के कारण वह कहीं बाहर नौकरी के लिए नहीं जाता था। लेकिन, बीते दिनों आर्थिक हालत खस्ता होने पर उसने नौकरी की तलाश की और गाजियाबाद की एक मीट फैक्टरी में उसकी नौकरी लग गई थी। वह वहां नौकरी करने के लिए गया था।साथ ही बताया कि करीब 12 वर्ष पूर्व उसका पिता परिवार के साथ पंजाब में मजदूरी करने के लिए गया था। लेकिन, आरोपी पिता ने वहां भी मां शकीला के साथ मारपीट की और फरसे से वारकर उसकी हत्या की कोशिश भी की थी। लेकिन, तब वह कामयाब नहीं हो पाया। वारदात के बाद वह पूरे परिवार को वहीं छोड़कर शिकारपुर लौट आया था। दिलशाद का कहना है कि तभी से उसे अपने पिता की करतूतों से नफरत होने लगी थी। वह अपनी मां से भी कहता था कि उस आदमी के साथ न रहें, वह अपनी मां, बीबी और बहनों को अपने साथ नौकरी पर ले जाना चाहता था, लेकिन ऐसा हो न सका। आरोपी पिता ने मां और बहनों को मौत की नींद सुला दिया।दिलशाद ने बताया कि उसकी बहनें शादी लायक हो चली थीं। वह जल्द ही अपनी दो बड़ी बहनों की शादी करने की योजना बना रहा था। कुछ जगहों पर उसने लड़के भी देखे थे। जहां बातचीत भी चल रही थी। लेकिन, बहनों को दुल्हन बनाने से पहले वह अब उनके जनाजे को कंधा दे रहा है।
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