ग्रेटर नोएडा। बिल्डर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) का पैसा नहीं देगा तो उनकी अन्य संपत्ति को संबद्ध किया जा सकता है। जिला प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है और इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है। कहा है कि बिल्डर की संबंधित कंपनी के पास पैसा नहीं है। इस कारण आरसी पर वसूली नहीं हो पा रही है। ऐसे में बिल्डर की अन्य संपत्ति को संबद्ध करने की व्यवस्था होनी चाहिए।उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की तरफ से बड़ी संख्या में आरसी जारी की जा रही हैं, जो आदेश का पालन नहीं करने और अन्य मामलों में हैं। गौतमबुद्ध नगर में ही प्रशासन को करीब तीन अरब की 1000 से अधिक आरसी मिल चुकी हैं, लेकिन अब तक केवल 10 प्रतिशत वसूली ही हो सकी है। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि ज्यादातर आरसी में बिल्डरों के बैंक खाते में पैसा नहीं है। संपत्ति भी नहीं होती है।अभी केवल उसी संपत्ति से वसूली हो सकती है, जो बिल्डर की कंपनी के नाम है। निजी संपत्ति से वसूली नहीं कर सकते। इस तरह के मामलों में बिल्डरों की अन्य संपत्ति को संबद्ध करने का नियम होना चाहिए, क्योंकि बिल्डरों ने प्रोजेक्ट के पैसों को दूसरी जगह लगा लिया है। इस कारण प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके। सरकार को प्रस्ताव भेजकर बिल्डरों की अन्य संपत्ति को संबद्ध करने की मंजूरी मांगी है।अब तक 408 आरसी में संबद्ध की गई है 188 संपत्तिप्रशासन ने यूपी रेरा की 408 आरसी में 188 अचल संपत्ति को संबद्ध किया है, जो 167 करोड़ रुपये की है। यह आरसी 31 बिल्डरों से संबंधित है। अन्य आरसी पर प्रशासन को वसूली करने में दिक्कत रही है।प्राधिकरण की जिम्मेदारी है प्रोजेक्ट को पूरा कराना

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