ग्रेटर नोएडा : होली पर शहर में विभिन्न स्थानों पर होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं। इसमें आरडब्ल्यूए व सामाजिक संगठन न केवल फूलों की होली खेल रहे हैं, बल्कि लोगों को सूखी होली खेलने का संकल्प भी दिला रहे हैं। सेक्टरों में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी बैठक कर लोगों को प्राकृतिक रंगों से होली खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि केमिकलयुक्त रंगों से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा। वर्जन..
होली मिलन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें फूलों की होली खेली गई। होली पर पक्के रंगों से होली न खेलने, पानी की बर्बादी रोकने का संकल्प महिलाओं ने लिया है। होली पर केमिकलयुक्त रंगों के बजाय माथे पर तिलक लगाकर पर्व का आनंद उठाया जाएगा।
अंजू पुंडीर, समाजसेवी
जल है, तो जीवन है। होली पर सभी को प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करना चाहिए। सोसायटी में आयोजित होली मिलन समारोह में कोरोना के मद्देनजर इस बार प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग करने की अपील की गई है।
-देवेंद्र टाइगर, अध्यक्ष, फेडरेशन
होली किसी धर्म विशेष का पर्व नहीं, बल्कि भाइचारे का प्रतीक है। सर्वधर्म के लोगों को भाईचारे के प्रतीक इस पर्व को शांति से मनाना चाहिए। संगठन के सदस्य इस बार प्राकृतिक रंगों से होली खेलेंगे।
-अन्नू खान, अध्यक्ष, नेफोमा
सूखे रंग से माथे पर तिलक कर होली मनाने से त्वचा भी खराब नहीं होगी। इससे पानी की बर्बादी से भी बचा जा सकेगा। कोरोना का प्रसार लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को सर्तक रहने की जरूरत है।
-डॉ.सुरेश नागर, समाजसेवी
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