संस्था को सम्मान मिलना, सामूहिक प्रयास का नतीजा-जिलाधिकारी
जिला अस्पताल के स्टाफ को कायाकल्प अवार्ड योजना में किया गया सम्मानित
उरई (जालौन) क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम के तहत सोमवार को जिला पुरुष चिकित्सालय में कायाकल्प अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। इसमें अस्पताल के कायाकल्प में योगदान देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। यह अवार्ड समारोह वर्ष 2019.20 का है। इसमें जिला पुरुष चिकित्सालय को सांत्वना पुरस्कार मिला था। इसमें अस्पताल को शासन की ओर से तीन लाख रुपये पुरस्कार स्वरुप दिए गए थे। इस राशि से 75 फीसदी अस्पताल के रखरखाव में खर्च किये जाते है जबकि 25 प्रतिशत राशि कर्मचारियों को पुरस्कार स्वरुप प्रदान की जाती है। इसी क्रम में जिला चिकित्सालय सभागार में सम्मान समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके सक्सेना, सभी चिकित्सक पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि कोई भी सम्मान मिलना उस संस्था के कर्मचारियों के सामूहिक योगदान का नतीजा होता है। वह उम्मीद करती है कि स्वास्थ्य कर्मी आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी। अध्यक्षता कर रही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ऊषा सिंह ने कहा कि चिकित्सालय का ध्येय मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना होता है। उनके स्तर से जिला अस्पताल की बेहतरी के लिए जो होगा वह किया जाएगा।मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके सक्सेना ने कहा कि कायाकल्प अवार्ड इस अस्पताल को लगातार तीसरी बार मिल रहा है। यह सब कर्मचारियों की सामूहिक मेहनत का फल है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ बीएम खैर ने कर्मचारियों को बधाई दी। जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ अरुण कुमार ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड योजना की शुरुआत 15 मई 2015 से शुरु की गई थी। इसके तहत प्रतिवर्ष अस्पतालों का चयन कर उनमें कायाकल्प योजना के तहत काम कराए जाते है। इसके बाद पहले जिला स्तरीयए फिर मंडलीय और फिर राज्य स्तरीय टीम द्वारा चिकित्सालय का एसेसमेंट किया जाता है। जिसमें सात बिंदुओं की बारीकी से जांच कर उनका मूल्यांकन होता है। प्रत्येक चरण में कम से 70 प्रतिशत अंक आने पर अगले चरण में प्रवेश मिल जाता है। तीनों चरणों में 70 फीसदी से अधिक अंक मिलने पर पुरस्कार के दावेदार हो जाते हैं। उन्होंने बतााय कि कोरोना काल के बाद इस योजना में एक चरण और जोड़ दिया गया है। जिसमें मरीजों की फीडबैक (मेरा अस्पताल पोर्टल) के आधार पर भी 25 फीसदी अंक दिए जाते है। 15 प्रतिशत पीयर एसेस्मेंट के होते है और अंतिम चरण के 60 प्रतिशत अंक मिलते हैं। इन्हीं के आधार पर कुल 70 फीसदी अंक आने अनिवार्य है, तभी पुरस्कार के हकदार हो सकते हैं। संचालन नेत्र सर्जन डॉ आरपी सिंह ने किया। इस दौरान डॉ केके गुप्ता, डॉ अरविंद श्रीवास्तव, डॉ एके पांडेय, डॉ एनआर वर्मा आदि मौजूद रहे।
जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट।
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