त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी आरक्षण सूची में गड़बड़ी की लगभग पुष्टि हो चुकी है। इसमें पटल सहायक को दोषी ठहराते हुए निलंबित भी कर दिया गया है। विभागीय अफसर हामी भर रहे हैं, लेकिन कारण बहुत हद तक बताने से परहेज कर रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से जुड़े लोगों का कहना है कि वर्ष 2005 में दो आरक्षण सूची तैयार हुई थी। एक मई में दूसरी जून में। मई के आरक्षण सूची पर भी कमेटी की मुहर लगी थी। पटल सहायक ने जून की बजाय मई की आरक्षण सूची निकाल ली। आरक्षण निर्धारण के दौरान अधिकारी पकड़ नहीं पाए।
लोगों की ओर से जब आपत्ति आई तो इसकी पड़ताल शुरू हुई। एडीओ से सत्यापन कराया गया। इसके बाद उजागर हुआ। बहरहाल, चर्चा है कि गड़बड़ी ठीक की जाएगी। फाइनल सूची 14 या 15 मार्च को जारी होगी। ग्राम प्रधान की सीट में बामुश्किल दस फीसदी परिवर्तन की बात कही जा रही है। अंतिम सूची फाइनल होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कितनी गड़बड़ी हुई, कितना परिर्वतन हुआ।
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