पूर्वांचल के माफिया पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इलाहाबाद में सरेंडर कर दिया। धनंजय सिंह लखनऊ में हुए अजीत सिंह हत्याकांड में 25 हजार के इनामी थे। इस मामले में नाम आने के बाद से वह फरार चल रहे थे। धनंजय ने जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज एक मामले में जमानत वापस लेने के कारण सरेंडर किया है। उस मामले में धनंजय की जमानत जिस व्यक्ति ने ली थी उसने कोर्ट को बताया कि धनंजय की जमानत इस शर्त पर ली थी कि वह किसी अन्य अपराध में वांछित नहीं रहेंगे। अब समाचार पत्रों और चैनलों से पता चला कि वह नए अपराध में वांछित हैं, इसलिए अपनी जमानत वापस ले रहा हूं।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गिरधारी के बयान के आधार पर छह जनवरी की रात में लखनऊ गैंगवार में प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोपी बनाया था। इसके साथ ही धनंजय पर एक घायल शूटर राजेश तोमर का लखनऊ और सुलतानपुर में इलाज कराने में मदद करने का भी आरोप है।
धनंजय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लेने के बाद पुलिस कई दिन से शांत बैठी हुई थी। पर, बुधवार रात को अचानक धनंजय की तलाश में उसके कुर्सी रोड स्थित आवास, शारदा व सरस्वती अपार्टमेंट में उसके फ्लैट और उसके बेहद करीबी साथी के मालवीय नगर स्थित आवास पर ताबड़तोड़ दबिश दी गई। पुलिस ने एक बर्खास्त सिपाही के घर भी दबिश दी लेकिन धनंजय का पता नहीं चला। इस दौरान दो ठिकानों से तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इन तीनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस को अजीत सिंह हत्याकांड में अन्य तीन शूटरों रवि यादव, राजेश तोमर, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर की भी तलाश है। वहीं खबर हैै कि एक शूटर मुस्तफा उर्फ बंटी को बागपत पुलिस ने कुछ दिन पहले उत्तराखंड से पकड़ लिया था। पर, उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि बागपत पुलिस ने अभी तक नहीं की है।
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