यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता:

भारत में एक अजीब ट्रेंड चल पड़ा है,,, शास्त्र की कोई एक पंक्ति उठाएंगे और उसे तबतक मंचों से गाएंगे जबतक वह #निष्प्राण न हो जाए,, उसे तबतक लिखेंगे जबतक कलम की स्याही न सूख जाए या निभ न घिस जाए,,,
जैसे--#वसुधैव कुटुम्बकम,,,अहम ब्रम्हास्मि या तत्वमसि,, अहिंसा परमो धर्म:,,,ऐसा ही दुर्भाग्य है सबसे ऊपर लिखी पंक्ति का,,जहां देखो लोग टीप रहे हैं कि हमारी संस्कृति का उद्घोष है जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं,

भाई मेरे,,ये भी देखना होता है कि सामने जो नारी जैसी दिख रही है वह नारी है भी या नहीं,,??जैसे #जर्सी गाय जैसा दिखने वाला सुअर के Dna से बना पशु गाय नहीं होता,, वैसे ही नारी जैसी दिखने वाली हर स्त्री नारी नहीं होती,,,
हमारे यहां तो खुद प्रभु श्रीराम के हाथ #ताड़का और भगवान कृष्ण के हाथ #पूतना वध की घटनाएं मौजूद हैं,,,फिर तुम कौनसी अफ़ीम लेकर टहल रहे हो भाई??

कल को #सोनिया गांधी की पूजा करने की हिमायत करने लगोगे,, फिर मियां ख़लीफ़ा या वरिष्ठ समाज सेविका सन्नी लियोन या #स्वरा भास्कर को ले आओगे,,#तैमूर और चंगेज़ पैदा करने के लिए लगी पड़ी करीना को लेकर लहालोट होने लगोगे,,देखो शास्त्र वचन है,, अब करो इनकी पूजा,,,बिना रीढ़ के लिजलिजे लोगों की विकृत बुद्धि से व्याख्या होने पर शास्त्र भी अपना अर्थ खोने लगते हैं,,,

इसलिए प्रबुद्ध धर्मनिष्ठ,,राष्ट्रनिष्ठ लोगों को ही इन विषयों पर सुनें,, पढ़ें,,, वरना कब हीरा दिखाकर कांच बेच दिया जाएगा पता भी नहीं चलेगा,,,मातृत्व एक गौरवमयी उपलब्धि है,,,#वामपंथीने क्या जानें इसकी महिमा,,,

या देवी सर्वभूतेषु #मातृरूपेण संस्थिता,,, या देवी सर्वभूतेषु #शक्तिरूपेण संस्थिता,, या देवी सर्वभूतेषु #विद्यारूपेण संस्थिता,,,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट।

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