काशी को बेगर-फ्री सिटी यानी भिखारीमुक्त बनाने के लिए मंगलवार को जिला प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। भिखारियों को पुनर्वासित करने के लिए दो अप्रैल से अभियान चलाया जाएगा। पहले चरण में कालभैरव, संकटमोचन, दशाश्वमेध व अस्सी क्षेत्र के भिखारियों को हटाया जाएगा। इसमें लावारिस, बीमार, दिव्यांग व अन्य अशक्त भिखारियों को सामने घाट स्थित सामाजिक संस्था अपना घर आश्रम में शिफ्ट किया जाएगा। मंडलायुक्त ने आदेश दिया कि यदि कोई व्यक्ति या समूह बच्चों से भीख मंगवाता पाया जाएगा तो उनके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।कमिश्नरी सभागार में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला प्रशासन, नगर निगम, वीडीए व गैरसरकारी संस्थाओं की बैठक हुई। इसमें सामाजिक संस्था अपना घर आश्रम की टीम ने भिखारियों के पुनर्वास सहित अन्य उपायों के बाबत कार्ययोजना का प्रजेंटेशन दिया। मंडलायुक्त ने नगर निगम को नोडल बनाते हुए जिम्मेदारी दी है कि इन चारों स्थलों से भिखारियों का डाटा बेस तैयार करें। कुछ ऐसे भिखारी, जो श्रम करने योग्य हैं, उनके पुनर्वास के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय बंदोबस्त करे। इन्हें परमानंदपुर स्थित शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाएगा। इनके खाने का प्रबंध निजी संस्थाओं व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अन्न क्षेत्र से होगा। कमिश्नर ने सभी सम्बंधित विभाग की कमेटी भी बनायी है। लोगों को भीख न देने का संदेश प्रसारित होगा। थानों, पुलिस चौकियों, धार्मिक स्थल, घाट सहित अन्य सार्वजनिक स्थल पर फ्लैक्स बोर्ड भी लगेंगे

अपना घर आश्रम के संयोजक डॉ. निरंजन ने प्रशासन से इंफ्रास्ट्रक्चरल फैसिलिटी, स्थान और पुलिस की टीम, जिसमें दो महिला व दो पुरुष जवान शामिल हो, की मांग रखी। बैठक में केशव जालान, निधि देव अग्रवाल भी रहे।

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