*फ़ातिमा ज़हरा औरतों के लिये मार्गदर्शक हैँ-आबिद बिलगेरामी* 

उतरौला(बलरामपुर)सोमवार शाम अमया-देवरिया दरगाह हज़रत अब्बास में सिराज अब्बास की ओर से अपने पिता मरहुम मसुदुल हसन के इसाले सवाब के लिए एक मजलिसे अज़ा का आयोजन किया गया!मजलिस को विश्व-विख्यात मौलाना आबिद बिलगेरामी साहब ने सम्बोधित किया,जो हैदराबाद से तशरीफ़ लाये थे!
मजलिस को सम्बोधित करते हुए जनाब आबिद बिलगेरामी ने कहा कि जिस तरह पुरषों के लिए हमारे नबी ए करीम और हमारे बारह इमाम आगुवा हैँ,उसी तरह रसुल की एकलौती बेटी फ़ातिमा ज़हरा औरतों के लिये मार्गदर्शक हैँ!
उन्होनें महिला दिवस के दिन मुख्य रुप से फ़ातिमा ज़हरा का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज दुनिया में लोग इतनी तरक़्क़ी के बावजूद बेटों के जन्म पर खुशियाँ मनाते हैं,और बेटियों के जन्म पर दुखी होते हैं,जबकि बेटियों ने हमेशा ही अपने परिवार के साथ-साथ देश का नाम रौशन किया है!
 एक उन्होनें ने इस्लाम में पर्दे की अहमियत को बताते हुए कहा कि पर्दा कभी भी इल्म और तरक़्क़ी में रुकावट नहीं पैदा करता है,बल्कि परिवार के संस्कार को उजागर करता है,और बुरे लोगों की नजरों से हमारी बहन बेटियों की रक्षा करता है!
अंत में उन्होनें फ़ातिमा ज़हरा पर हुए अत्याचार और शहादत का ज़िक्र किया तो मजलिस में मौजुद लोगों की आंखे भर आईं!
मजलिस से पुर्व,अन्तराष्ट्रीय शायर शुजा उतरौलवी ने अपनी बेहतरीन अवाज़ में अपना कलाम पेश किया!
इस अवसर पर मौलना सिब्ते हैदर,मौलाना ज़ायर अब्बास,फ़हमीद रज़ा,मिस्बाउल हसन,असलम जौनपुरी,मेराज अब्बास,मिस्दाक़ुल हसन,अली मुर्तुज़ा,मीसम उतरौलवी,क़ायम मेहदी के साथ-साथ उतरौला अमया-देवरिया,रेहरा माफ़ी,रैगावां,पिपरा,गोपीभारी आदि क्षेत्रों के लोग भारी संख्या मेँ मौजुद रहे!
असगर अली 
उतरौला 

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