तहसील टाण्डा में कार्यरत लेखपालों को नियमान्तर्गत नहीं केवल धन के आधार पर काम करने की आदत पड़ गई
बाग के नम्बर को नवीन परती दर्ज कर किया खेल,डीएम के दरबार मे पहुंचा मामला
गिरजा शंकर गुप्ता
अम्बेडकर नगर। तहसील टाण्डा में कार्यरत लेखपालों को नियमान्तर्गत नहीं केवल धन के आधार पर काम करने की आदत पड़ गई है। अहाता के लेखपाल हरीलाल यादव ने गोविंद सिंह की संक्रमणीय भूमिधरी बाग गाटा सं0286 /01.820को पहले बिना किसी अधिकारी के आदेश के नवीन परती लिख दिया और बाद में विपक्षियों से धन लेकर उस पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए संस्तुति कर दी। जब पीड़ित ने इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी टाण्डा से शिकायत की तो उन्होंने डूडा विभाग पर इसकी जिम्मेदारी डाल कर उसे वापस कर दिया। थकहार कर पीड़ित के परिजन ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचना मांगी तो लगभग 4 माह बाद जनसूचना अधिकारी डूडा, अम्बेडकर नगर ने लिखित सूचना दी है कि तहसील कर्मी टाण्डा और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद टाण्डा की आख्या के आधार पर ही आवास योजना का धन प्रेषित किया गया है,अब पीड़ित ने जिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर अपनी भूमि पर प्रधानमंत्री आवास हेतु संस्तुति करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने और अवैधानिक लाभार्थियों से धन की रिकवरी की मांग की है। पीड़ित गोविंद सिंह ने बताया कि जिस तरह की मनमानी तहसील और नगर पालिका परिषद टाण्डा के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा की जा रही है उससे कानून के राज का विश्वास अब टूट रहा है। अगर जिलाधिकारी से न्याय नहीं मिलेगा तो सीधे मुख्यमंत्री के सम्मुख अपनी बात रखने जाना पड़ेगा।
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