औरैया // लॉक डाउन में प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिन्दगी बचाते दिखा जबकि बेजुबान जानवरों को खिलाने व उन्हें जीवित रखने का भी जज्बा दिखाया इसमें युवाओं का प्रयत्‍‌न तो देखते ही बना क्या दिन और क्या रात अपना पेट भरने से ज्यादा उन्हें बेजुबानों की फिक्र देखी गई उनके सेवाभाव ने बेजुबानों में इंसानियत की नई परिभाषा गढ़ दी सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोगों ने जानवरों को भी भूखा प्यासा नहीं रहने दिया इतना ही नहीं जब ट्रेनों व बसों से प्रवासी अपने घर को जा रहे थे तो उन युवाओं ने उन्हें भी इंसानियत का पाठ पढ़ाया। उनका यह प्रयास आज भी मानवता की सीख देने के लिए नजीर बना हुआ है लॉकडाउन के समय जब जिदगी अपने भोजन पानी के लिए संघर्षरत थी उस समय बेचारे मूक जानवरों की सुधि हैंडस फाउंडेशन के युवाओं ने भी ली युवाओं की इस पहल को अत्यंत सराहा गया मंडी से सब्जियां एकत्र कर आवारा जानवरों के अड्डों को चिह्नित कर उनको सुबह शाम खिलाना, गायों को जगह जगह हरा चारा, पानी की व्यवस्था करना, बंदरों को भूख से बचाने के लिए केला, खीरा, ककड़ी, लाई चना, ब्रेड खाने के लिए देना। पूरे लॉकडाउन तक इस अभियान में प्रतिदिन टीम के लोग जगह-जगह पशुओं को खाने का प्रबंध करते रहे। साथ ही चिह्नित स्थानों पर उनके पानी के लिए बड़ी-बड़ी हौद भी रखी गईं कोरोना योद्धाओं को दीं अपनी सेवाएं रेलवे स्टेशन, पुलिस थाना, अस्पताल सहित सार्वजनिक स्थलों को नियमित सैनिटाइज करने का काम करते रहे कोरोना योद्धाओं के लिए सदस्यों ने पीपी किट भी तैयार की थीं जो कोरोना योद्धाओं को वितरित की गईं। इसके अलावा निराश्रित व पिछड़ी बस्तियों के लोगों को भोजन का प्रबंध भी कराया टीम के सदस्य सुबह योजनाबद्ध रूप से सब तय करते आज किस क्षेत्र में भोजन पहुंचाना है व जानवरों के लिए किसे जाना है पूरी टीम जगह-जगह अपनी ड्यूटी समझकर रोजाना निर्वहन करती संक्रमण के दौर में सैकड़ों जानवरों की जान उस समय बचाई जब सब कुछ बंद होने पर उन्हें कहीं से कुछ नसीब नहीं हो रहा था आज भी उसी सेवा पथ पर बढ़ रही टीम फाउंडेशन के सदस्य पिछड़ी बस्तियों के बच्चों को शिक्षित करने का भी निरंतर अभियान संचालित कर रही है एक स्थान पर प्रतिदिन बच्चों को एकत्र कर शिक्षा के साथ उनकी जरूरत की वस्तुएं भी उन्हें उपलब्ध कराते हैं छोटे बच्चों में संस्कार के साथ उनमें पल रही नशा की प्रवृत्ति को भी दूर करने का प्रयास निरंतर जारी है विद्यालय जाने का प्रबंध भी बच्चों के लिए किया जाता है इसके अलावा चिकित्सा सेवा में भी फाउंडेशन अपनी सेवा निरंतर उपलब्ध करा रहा है अच्छे चिकित्सकों से लोगों को परामर्श दिलाना, निश्शुल्क व बहुत ही सुगम सेवाएं उपलब्ध कराना टीम के युवा अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है ये हैं टीम के जांबाज युवा सदस्य सचिव आशीष मिश्रा, दिवाकर पांडेय, अमित पांडेय, आशू मिश्रा, गगन पांडेय, शुभम मिश्रा, हिमांशु गुप्ता, संगम मिश्रा, अजय गुप्ता, भरत अवस्थी, ओमजी पांडेय, मुकेश राजपूत, ऋषभ राठौर, लालजी गुप्ता, अरुण त्रिपाठी व दीपक। सचिव का कहना है कि आगे भी अपने इस अभियान को जारी रखने का संकल्प है फाउंडेशन हर उस मोड़ पर खड़ा होगा जिसमें जीवन का संघर्ष शामिल हो।

ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव 

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