*लगाने से ज़्यादा बर्बाद हो रही है कोरोना वैक्सीन*
 
     *डाक्टर ए०के०श्रीवास्तव, अयोध्या ब्यूरो चीफ* 

सोहावल , अयोध्या

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिये भारत सरकार द्वारा निर्मित दुर्लभ वैक्सीन सोहावल क्षेत्र में बर्बाद की जा रही है। इसका प्रमुख कारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके वैक्सीनेसन के पहले किया जाने वाला प्रचार, प्रसार का अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागाँव में  गत आठ मार्च से कोवि शील्ड नामक कोरोना निरोधी वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हुआ है।।जिसमें आठ मार्च को 45 लोगों को, 13 मार्च को 10 लोगों को, 15 मार्च को 45 व्यक्तियों को, 16 मार्च को 20, 18 मार्च को चालीस, 19 मार्च को 25 व 22 मार्च को 15 लोगों का वैक्सीनेसन   किया गया। वैक्सीनेसन का कार्य कर रही एएनएम लीलावती ने बताया कि हमें कोवि शील्ड नामक कोरोना रोधी टीका दिया गया है। जिसमें 10 ख़ुराक होती है। ज्ञातव्य हो कि वैक्सीन की शीशी खुलने के 4 घंटे के अंदर लग जानी चाहिये। इसके बाद ये निष्प्रभावी हो जाती है जिसे फेंकना ही पड़ता है। नर्स लीलावती के अनुसार जिस दिन मात्र 10 लोग आते हैं तब तो ठीक है वैक्सीन ख़राब नहीं होती। लेकिन जिस दिन 15 लोग या 45 लोग आते हैं। उस दिन 5 ख़ुराक खराब हो जाती है। जिन्हें फेंकना ही पड़ता है। दूसरी तरफ इस पीएचसी पर तैनात डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा हफ़्ते में एक-आध दिन ही आते हैं। डॉक्टर के न रहने से मात्र नर्सों के भरोसे बहुत से व्यक्ति डर के मारे वैक्सीनेसन नहीं कराते हैं। वैक्सीन ख़राब होने का यह भी एक कारण है। इस बारे में सोहावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि अब डॉ आलोक विश्वकर्मा को रोजाना ड्यूटी पर आने के कड़े निर्देश दे दिये गये हैं। यदि वे ऐसा नहीं करते तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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