लालगंज। तहसील सभागार में शुक्रवार को उपरौध अधिवक्ता समिति के अध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारियों और सदस्यों ने बैठक करके ग्राम न्यायालय अविलंब स्थापित किए जाने का प्रस्ताव पास किया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में ग्राम न्यायालय स्थापित होने पर वादकारियों को त्वरित लाभ प्राप्त होगा। अधिवक्ताओं की बैठक में ग्राम न्यायालय की मांग को लेकर अध्यक्ष अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जिले के दक्षिणांचल स्थित लालगंज में ग्राम न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिसकी अविलंब स्थापना किए जाने की जरूरत है क्योंकि उच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप ग्रामीण इलाके में वादकारियों को त्वरित न्यायिक व्यवस्था के तहत ग्राम न्यायालय आवश्यक है। वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश दुबे ने कहा कि ग्राम न्यायालय की मंशा गरीबों को त्वरित सस्ता सुलभ न्याय की है। वरिष्ठ अधिवक्ता और समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रभु नाथ दुबे ने कहा कि ग्राम न्यायालय की अवधारणा ग्रामीण इलाके के लिए न्यायिक व्यवस्था को सुलभ कराने का एक सुअवसर है। समिति के पूर्व अध्यक्ष केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि ग्राम न्यायालय वास्तव में तहसील स्तर पर स्थापित होना अधिकारियों के साथ सुलभ न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने जैसा है। अधिवक्ताओं ने कहा कि ग्राम न्यायालय लालगंज तहसील स्थापित होना क्षेत्र के और अधिकारियों के हित में है। बैठक में कैलाश पति त्रिपाठी, त्रिलोक नाथ दुबे, बालकृष्ण मिश्र रविंद्र रविंद्र पटेल ,हरि नंद सिंह, दुबे, विजय मिश्रा अखिलेश मिश्रा धनेश्वर गौतम ,चौधरी श्याम नारायण यादव, अनिल शुक्ला विपिन तिवारी, प्रदीप दुबे गिरीश कुमार दुबे कमलेश मिश्रा, बद्री कांत मिश्रा, सूर्यप्रताप सिंह, गोविंदद वर्मा, पन्नालाल सिंह, मायाशंकर सिंह, अरविंद दुबे, राजेंद्र मौर्य, सुशील पांडे, बृजेश त्रिपाठी,राकेश मिश्रा,सुनील दुबे आदि शामिल हुए।

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