अली सरदार जाफरी , बेकल उत्साही , कुमार अनुपम , चंद्रेश्वर पांडेय, अरुण प्रकाश पांडेय , प्रकाश चंद्र गिरी से लेकर जिले से सैकड़ों ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीयस्तर के साहित्यकार समालोचक जिले का नाम रोशन कर चुके हैं।
ऐसे मे साहित्य के क्षेत्र मे नई पौध ने भी लोगों तक अपनी छाप छोड़ी है इनमें बड़ा हस्ताक्षर कुमार अनुपम सहित सबा बलरामपुरी , अबु हाशिम , सपना तिवारी और कुछ अन्य नाम भी हैं जो अपनी अलग पहचान बना चुके हैं । हालांकि अभी इन्हें साहित्य के क्षेत्र मे और आगे कार्य करना है लेकिन कम उम्र मे जिले के कई युवाओं ने अपनी बढ़िया साहित्यक पहचान बना ली है ।
बात करें सपना तिवारी की पूर्व प्रतिकुलपति(महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) ए. अरविंदाक्षन द्वारा संपादित पुस्तक "कृष्णा सोबती से कृष्णा सोबती तक" में "रचनाकार की निगाह में कल और आज:मार्फ़त दिल्ली" नाम से जिले मे शिक्षित हुई कु सपना तिवारी का लेख प्रकाशित हुआ है । सपना तिवारी बलरामपुर जिले की रहने वाली हैं, इन्होंने बलरामपुर मॉडर्न इंटर कॉलेज से अपनी शिक्षा ग्रहण की है।हिन्दी साहित्य मे दिल्ली विश्व विद्यालय से स्नातक और परास्नातक की शिक्षा के बाद साहित्य के लिए समर्पित हो गयी । इससे पहले भी इनके कई साक्षात्कार और लेख भिन्न-भिन्न पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा संपादित द्विमासिक पत्रिका "पुस्तक संस्कृति" में सपना कई पुस्तक समीक्षाएँ भी लिख चुकी हैं।
उक्त पुस्तक के बारे मे सपना ने बताया कि कृष्णा सोबती से कृष्णा सोबती तक पर लेख के माध्यम से तथ्यों की गहराई को जानने केलिए लेख प्रकाशित किया गया है ।
यह पुस्तक साहित्य प्रेमी प्रकाशन विभाग से सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते हैं ।
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उत्तर प्रदेश
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