कोरोना टीकाकरण को लेकर आम लोगों के मन में जो डर और संशय रहा है, वही डर बनारस के डॉक्टरों में भी था। 70 फीसदी डॉक्टर टीकाकरण से पहले डरे हुए थे। 62.5 फीसदी थोड़ा जबकि 7.5 फीसदी डॉक्टर इसके साइड इफेक्ट से ज्यादा डरे हुए थे। 55 फीसदी डॉक्टर टीका लगवाने के लिए एक बार में ही तैयार हो गए। 32 फीसदी ने टीका लगवाने से पहले कई बार विचार किया। 12.5 फीसदी डॉक्टर अंतिम समय तक टीका लगवाने को लेकर उहापोह में रहे।

यह खुलासा आरोग्य भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील बसु के ऑनलाइन सर्वे में हुआ है। उन्होंने टीका लगवाने वाले बनारस के 232 डॉक्टरों पर ऑनलाइन सर्वे किया। सर्वे के लिए 20 प्रश्न तैयार किए गए थे। डॉ. बसु ने बताया कि टीका लगवाने के तत्काल बाद 36.4 फीसदी डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट किया। 31.8 फीसदी अकेले जबकि 31.8 फीसदी डॉक्टर परिवार के साथ टीका लगवाने गए थे। टीका लगाने वाली नर्स की सेवा से 81.8 फीसदी डॉक्टर संतुष्ट दिखे। वहीं 18.2 फीसदी डॉक्टरों ने कहा कि नॉर्मल व्यवहार था। सर्वे के अनुसार टीकाकरण के लिए 95 फीसदी डॉक्टर नॉर्मल कपड़े पहन कर गए थे। वहीं चार फीसदी घर से खास कपड़े पहन कर गए थे। टीकाकरण के बाद 37.3 फीसदी डॉक्टरों ने कहा कि वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं। 9 फीसदी काफी गौरवान्वित महमसूस कर रहे थे।

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