*सरकारी कर्मियो की फर्जी आईडी पर जीपीएफ से एक करोड़ 58 लाख डकारे*
गोंडा। सरकारी कर्मियों की फर्जी आईडी बनाकर जीपीएफ खाते से 1.58 करोड़ की राशि हड़पने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने चकबंदी विभाग गोरखपुर के लेखाकार, बस्ती के लेखपाल सहित संगठित स्तर पर संचालित गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरोह के पकड़े गए सदस्यों के पास से पुलिस ने 26.75 लाख की नगदी सहित लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन, टेबलेट व बड़ी संख्या में कर्मचारियों की फर्जी आईडी बरामद की है। पुलिस ने आरोपियों से जुड़े 45 बैंक खातों को भी सीज कर इनके संचालन पर भी रोक लगा दी है।
पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले में चकबंदी विभाग के 28 कर्मचारियों के खाते से 1.58 करोड़ की हेराफेरी की गई। 17 मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि जिले के नवाबगंज स्थित भारतीय स्टेट बैक के कुछ खाता धारको के खातो में संदिग्ध तौर पर बड़ी धनराशि स्थानांतरित हो रही है। जिसमें नवाबगंज क्षेत्र के ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक की भूमिका संदिग्ध मिली।
प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज राजेश सिंह व एसओजी प्रभारी अतुल चर्तुवेदी की संयुक्त टीम ने मामले का खुलासा कर सरकारी कर्मचारियों की फर्जी आईडी बनाकर जीपीएफ का पैसा खाते से गबन करने के आरोप में अरुण वर्मा निवासी ग्राम भरबलिया बुजुर्ग आजाद चौक थाना रामगढ़ ताल गोरखपुर, राजेश पाठक निवासी ग्राम कोल्हमपुर विशेन पठकौली थाना नवाबगंज गोंडा, नानमून मौर्या मूल निवासी गेड़सर मुरावन पुरवा थाना वजीरगंज मौजूदा निवासी कोल्हमपुर थाना नवाबगंज, अरुण श्रीवास्तव निवासी ग्राम इमलिया गुरदायाल कोतवाली नगर जनपद गोंडा, प्रदीप दुबे निवासी पुरे परसदा पोखरा थाना तरबगंज को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए आरोपी अरुण ने पूछतांछ में बताया कि वह चकबन्दी विभाग गोरखपुर में लेखाकार के पद पर तैनात है। उसने कर्मचारी पुनीत श्रीवास्तव के साथ मिलकर लैपटाप व वेबसाइट के माध्यम से कई सरकारी कर्मचारियों की फर्जी आईडी बनाई और फर्जी जीपीएफ बिल बनाकर बीते कई साल से खातों से करोड़ों की राशि गोंडा, गोरखपुर व देवरिया में संचालित बैक खातों में अपने साथी बस्ती के लेखपाल राजेश पाठक व नानमून मौर्या एसबीआई ग्राहक सेवा केन्द्र कर्मी के सहयोग से स्थानांतरित कर लिए।
गोंडा से राघव राम तिवारी की रिपोर्ट।
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