मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के तहत जिले के 57 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान करीब 2982 मरीज देखे गए जबकि 31 मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। मेले में करीब 1036 पुरुष और 1423 महिलाओं के साथ ही 523 बच्चों को देखकर चिकित्सकों द्वारा दवाएं दी गईं।मेले में आई सरिता देवी ने मुंह में छोले होने तो रामप्रकाश ने खांसी और बुखार से परेशान होने की समस्या बताई। वहीं निर्मला ने बताया कि उसके हाथ-पैर में काफी ज्यादा दर्द हो रहा है तो गीता देवी ने पेट दर्द की समस्या बताई। मेले में मौजूद चिकित्सकों ने मरीजों को देखा और दवाएं दी। कहा कि मौसम काफी तेजी से बदल रहा है, इसलिए ऐसे मौसम में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। जरा सी भी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है और आप सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में इस बार भी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा रही। मेले में आने वाले मरीजों के उपचार के लिए 143 चिकित्सक और 562 कर्मचारी लगाए गए। इस बीच 167 लोगों के गोल्डन कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान सबसे ज्यादा 431 मरीज त्वचा रोग के आए। इसके अलावा लीवर के 55, गैस्ट्रो के 319, टीबी के 13, खून की कमी के 63 तथा हाइपरटेंशन के 65 मरीज आए जिन्हें चिकित्सकों ने देखकर दवाएं दी।सीएमओ डॉ. बीकेएस चौहान ने बताया कि जिले के 57 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में रविवार को करीब 2982 मरीज देखे गए जब कि 31 की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। मैंने शरीफाबाद, हरख और सेठमऊ पीएचसी का निरीक्षण किया। इस बार के मेले में भी महिला मरीजों की संख्या पुरुष मरीजों से कहीं ज्यादा रही। आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मिले, इसके लिए सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।
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