मिर्जापुर। हिन्दीसंवाद टीम

मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना से चुनार विधानसभा क्षेत्र के नरायनपुर ब्लाक के कैलहट स्थित अति प्राचीन शिव शंकरीधाम मंदिर का 50 लाख रुपये से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस योजना के तहत मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आने वाले दूर-दराज के श्रद्धालुओं के बैठने के लिए यात्री शेड व धर्मशाला का निर्माण कराया जाएगा। इसका निर्माण कार्य इस वर्ष के नवंबर माह तक कराने की समय समा तय की गई है।

जिले के अति प्राचीन शिव मंदिरों में शामिल शिव शंकरीधाम का शिव-पार्वती मंदिर भी मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर्यटन संवर्धन योजना में शामिल कर लिया गया है। क्षेत्रीय विधायक अनुराग सिंह के अनुरोध पर इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। वाराणसी-मिर्जापुर मार्ग पर कैलहट के पास स्थित इस मंदिर पर जिले के ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के श्रद्धालु चैत्र नवरात्र में दर्शन पूजन और जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। इसके अलावा अन्य दिनों में भी श्रद्धालु मंदिर पर दर्शन पूजन के लिए जुटते हैं। वाराणसी-मिर्जापुर मार्ग पर स्थित होने के कारण मंदिर पर दर्शन पूजन करने के लिए आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को वाहन की किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती है। इस मार्ग पर संचालित आटो व निजी बसों के साथ ही निजी वाहनों से भी लोग दर्शन पूजन के लिए आते-जाते है। अति प्राचीन मंदिर होने के बावजूद बेहतर विकास कार्य नहीं कराया गया है। इससे गर्मी और बरसात के दिनों में दर्शन पूजन करने आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब श्रद्धालुओं को इन समस्याओं का सामना नहीं करना होगा।

पौराणिक महत्व

जिले का अति प्राचीन मंदिर होने के कारण यहां पूरे वर्ष भर दर्शन पूजन करने वाले श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। वाराणसी-मिर्जापुर मार्ग पर स्थित होने के साथ ही अदलपुरा शीतला मंदिर के करीब होने के कारण वाराणसी के श्रद्धालु भी यहां दर्शन पूजन के लिए आते हैं। अदलपुरा शीतला मंदिर पर दर्शन पूजन के बाद गंगा नदी पर बने पुल को पार कर लोग यहां आसानी से चले आते है। इसके अलावा सोनभद्र के श्रद्धालु भी नरायनपुर से पुरूषोत्तमपुर होते हुए यहां दर्शन करने के लिए आते रहे है।

पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण

अदलपुरा शीतला मंदिर, चुनार स्थित दुर्गा मंदिर के करीब स्थित होने के कारण आस पास के जिलों के लोग दर्शन पूजन के लिए हमेशा शिवशंकरीधाम मंदिर पर आते रहे हैं। पर्यटन की सुविधा न होने के कारण लोग दर्शन पूजन कर लौट जाते हैं।

राजस्व : मंदिर से होने वाली आय से मंदिर के पूजारी विकास कार्य कराते है। मंदिर में केवल चढ़ावा से ही आय होती है। इसके अलावा मंदिर के आय का कोई अन्य माध्यम नहीं है।

अब इन कार्योँ को कराएगा पर्यटन विभाग

प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत शिवशंकरीधाम मंदिर पर यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग धर्मशाला का निर्माण कराएगा। इसके अलावा बैठने के लिए यात्री शेड की भी व्यवस्था की जाएगी। मंदिर परिसर में पीने के पानी के लिए टंकी का भी निर्माण कार्य कराया जाएगा।

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