औरैया // नए सिरे से आरक्षण तय किए जाने पर औरैया जिले में करीब 40 फीसदी ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों के पदों का आरक्षण बदलने की संभावना है फिलहाल शासन के दिशा निर्देश का इंतजार है जिले में तीन मार्च को ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए आरक्षण के लिए सूची जारी की गई थी आठ मार्च तक आपत्तियां मांगी गईं थीं आपत्तियों के निस्तारण के बाद 14 मार्च तक अंतिम सूची जारी की जानी थी लेकिन हाईकोर्ट ने इसके प्रकाशन पर रोक लगा दी अब 25 मार्च तक 2015 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण तय करने की बात कही गई है दावेदारों की नजर अब नए सिरे से आरक्षण पर है गाँव में एक बार फिर सियासी पारा गरमाने लगा है तीन मार्च को आरक्षण आवंटन की जो अंतिम सूची प्रकाशित की गई थी, उसमें आरक्षण वर्ष 1995 को माना गया था आधार वर्ष माने जाने से आरक्षण की चक्रानुक्रम की व्यवस्था वहीं से शुरू मानी गई उसी साल से जोड़ा गया कि कौन से गांवों में कभी ओबीसी सीट नहीं रही और कहां एससी सीट नहीं रही पाँच चुनावों में हर ब्लॉक में कम से कम गाँव मिले जो कभी वर्ग विशेष के लिए आरक्षित नहीं थे नए सिरे से आरक्षण में जिले में करीब 40 फीसदी सीटों में आरक्षण बदल जाएगा तो ऐसे तय होगा आरक्षण नई व्यवस्था के तहत यदि किसी ब्लॉक में ओसीबी कोटा 18 गाँव का है और अन्य दस गाँव कभी ओसीबी नहीं हुए हैं तो वहां भी आबादी के अनुसार दस और गांवों को इस वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा 2015 को आधार वर्ष मानने पर देखा जाएगा कि ब्लॉक में ऐसे कौन से गांव हैं, जो उस वर्ष के चुनाव में (2015) में एससी या ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं थे अब केवल एक चुनाव को आधार बनाने पर हर ब्लॉक में ऐसे गांवों की संख्या बढ़ जाएगी,जहाँ पिछली बार एससी या ओबीसी का आरक्षण नहीं था ऐसे में एससी के लिए 15 गांव के कोटे वाले ब्लॉक में यदि ऐसे 50 गांव निकल गए तो उनमें से आबादी के क्रम में ऊपर से 15 गांव को आरक्षित कर दिया जाएगा इससे पिछली बार आरक्षित कई गाँव इससे मुक्त हो जाएंगे यही हाल ओबीसी के लिए होगा, उसमें भी कई गांव अनारक्षित या दूूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो सकते हैं आरक्षण का आवंटन 2015 आधार वर्ष के अनुसार होना है अभी इस बारे में दिशा निर्देशों का इंतजार है जाहिर है कि आधार वर्ष बदलने से आरक्षण में बड़े स्तर पर बदलाव होगा अभी इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता दिशा निर्देशों का इंतजार है।
ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव
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