NCR News:फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में झारखंड निवासी लेखी (22 वर्षीय) के कमर की रिवीजन सर्जरी की गई। लेखी की कमर में 2 साल से बाहर निकली हुई रॉड को उसके शरीर से अलग कर दिया गया। लेखी की 10 साल पहले एक दुर्घटना में कमर क्षतिग्रस्त हो गई थी। उसके बाद उसकी कमर की सर्जरी की गई थी। सर्जरी के कुछ समय बाद उसकी कमर में कुबड़ जैसा निकलने लगा था। लगभग 2 साल पहले तो हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसकी कमर के अंदर की रॉड अपने स्थान से हट गई और उसका एक हिस्सा बाहर गया।ऑर्थोपेडिक्स एवं स्पाइन सर्जरी के वरिष्ठ विषेशज्ञ डॉ. आशीष तोमर के अनुसार मरीज के आर्थिक हालात ठीक नहीं थी, इसलिए वह कमर से बाहर निकली रॉड के साथ ही जीने के लिए मजबूर थी। डॉ. तोमर के अनुसार एक सामान्य इंसान का कोब्ब एंगल 50 डिग्री के आसपास होता है और जब लेखी उनके पास आई तो उसका कोब्ब एंगल 110 डिग्री था। यदि इसकी सर्जरी की जाती तो यह आजीवन बढ़ने वाली बीमारी थी। इसमें एक समय ऐसा भी आता जब मरीज के किसी अंग को लकवा मार सकता।परिवार की सहमति मिलने के बाद न्यूरल मानिटरिंग की मदद से शरीर के बाकी हिस्सों की कार्यशैली को नुकसान पहुंचाते हुए इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया गया। लगभग 5 घंटे चली इस सर्जरी के बाद मरीज का पूराना इम्प्लांट निकाल कर नया विस्थापित कर उसका कोब्ब एंगल सही जगह पर ला दिया गया, जिससे उसकी कमर सामान्य इंसान की भांति हो गई।

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