शवे बरात पर्व 28 मार्च को,

 रात्रि जागकर 29 को रोजा रखा जायेगा - इरशाद

कालपी (जालौन) स्थानीय नगर की
बड़ी मस्जिद के पेश इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि
इस्लामी साल का  आठवां महीना चल रहा है। इसे शबे बरात(शाबान) के नाम से जाना जाता है। इस महीने का मर्तबा बहुत ही बुलंद है। ये मुबारक महीना हम सबके लिए अपनी रहमते व बरकते लेकर आता है। शबे बरात की रात 28 मार्च का दिन गुजार कर रात जागी जाएगी और 29 मार्च को रोजा 15 शाबान का रखा जाएगा।
वुधवार को इस्लामिक विद्वानों की मौजूदगी में जानकारी देते हुये
इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि हुजूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया जब शाबान(शबे बरात) चांद की 15 वीं रात आए तो उस रात को जागो(कयाम करो) और दिन में रोजा रखो क्योंकि इस मुबारक रात में अल्लाह अपने बंदों से फरमाता है कि क्या कोई माफी मांगने वाला है कि मैं उसे माफ करूं। क्या है कोई रिज़्क़(रोजी) मांगने वाला कि मैं उसे रोज़ी आता करूं और जो लोग ऐसी मुबारक रातों को जागकर अपने रब की इबादत करते हैं तथा अपने गुनाहों की माफी चाहते हैं अल्लाह उनसे खुश होकर उनको बक्श देता है। इस शबे कद्र की रात को जितना हो सके नफिल नमाज व अपनी उम्र की कजा नमाज़ो को पढ़ना चाहिए।  ये रात बहुत ही अजमत व फजीलत वाली रात होती है इसे यूं ही आम रातों की तरह गफलत में नहीं गुजारना चाहिए। अपने-अपने खानदान के लोगों की क़ब्रो में जाकर और औलिया-ए-किराम की मजारातों में जाकर फ़ातिहा पढ़नी चाहिए।इस मौके पर
दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के प्रिंसिपल मुफ्ती तारिक बरकाती ने कहा कि यह अल्लाह का हम मुसलमानों पर बड़ा एहसान करम है कि हमें उसने अपने महबूब नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के सदके में ऐसी अज़मत वाली रात अता फरमाई है कि जिसमें रहमतें ही रहमतें बरसती हैं। तकिया मस्जिद के इमाम हाजी अब्दुल मुजीब अल्लामा ने कहा कि इस मुबारक रात को जो शख्स पा ले उसे अपने रब को राजी करने के लिए खूब इबादत, तिलावत करनी चाहिए।वहीं त्योहार को मद्देनजर रखकर इबादतगाहो, दरगाहों, मजारों, कर्बला आदि स्थानों में सफाई एवं रोशनी की व्यवस्था अकीदत मंदो के द्वारा शुरू हो गई है।


जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने