लखनऊ ||प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में प्रदेश को निर्बाध व ट्रिपिंग फ्री बिजली देने के लिए शनिवार को 1920 करोड़ रुपये की लागत से 220/132 एवं 132/33 kv के 27 उपकेंद्रों का मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। प्रदेश की पारेषण क्षमता 25,000 मेगावाट हुई।

लोकार्पित होने वाली परियोजना में 220/132 एवं 132/33 केवी के 09 उपकेंद्र शामिल हैं। इनकी बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर, मीरजापुर, लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर और गोंडा में स्थापना हुई है, इसमें 571.57 करोड़ रुपये का खर्च आया है। 

 220 केवी क्षमता के 10 व 132 केवी क्षमता के 06 पारेषण उपकेंद्रों का शिलान्यास लखनऊ, झांसी, फर्रुखाबाद, मुजफ्फरनगर, आगरा, सहारनपुर, महाराजगंज, फैजाबाद, बस्ती, बांदा, बागपत व कुशीनगर में सम्पन्न हुआ। इनकी लागत 1,347.91 करोड़ रुपये है। 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश में 1.30 लाख से अधिक मजरों में विद्युतीकरण का कार्य हुआ है। 1.38 करोड़ उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। टोल फ्री नंबर 1912 जारी कर किसानों और उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण का काम हो रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 2017 में सरकार बनते ही केंद्र के साथ पावर फ़ॉर ऑल का समझौता कर 'सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली' की दिशा में तेज गति से कार्य किये गये। चार साल में 10844.39 करोड़ रुपये की लागत से 765 केवी, 400 केवी, 220 केवी और 132 केवी क्षमता के कुल 110 ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का ऊर्जीकरण हो चुका है। 

6,100 करोड़ रुपये की लागत से पारेषण परियोजनाओं का PPP मोड पर कार्य किया जा रहा है और प्रदेश में 400 केवीए से उच्च प्रकृति के पारेषण कार्यों को भी PPP मोड में संपादित करने के लिए कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। 

प्रदेश की पारेषण क्षमता (टीसी) जो वर्ष 2016-17 में 16,348 मेगावाट थी। वर्ष 2019-20 में इसे 24,000 मेगावाट और 2020-21 में 25,000 मेगावाट तक बढ़ाया गया। वर्ष 2025 तक 198 पारेषण उपकेंद्रों के निर्माण से प्रदेश में 32,400 मेगावाट तक क्षमता हो जाएगी। 

पारेषण तंत्र की विद्युत आयात क्षमता (टीटीसी) वर्ष 2016-17 में 7800 मेगावाट थी,  वर्ष 2020-21 में आंतरिक उत्पादन 10400 मेगावाट के सापेक्ष 14,600 मेगावाट की जा रही है।

ऊर्जा मंत्री ने 1 मार्च 2021 से घरेलू व निजी नलकूप उपभोक्ताओं के लिए शुरू की गई कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कहा। सभी घरेलू उपभोक्ता व निजी नलकूप उपभोक्ता 31 जनवरी तक के मूल बकाये का 30% व वर्तमान बिल देकर 15 मार्च तक पंजीकरण करायें। इसके बाद उन्हें 31 मार्च 2021 तक, कुल बकाया अपने वर्तमान बिल के साथ जमा करना होगा। इससे 31 जनवरी तक लगे 100%  सरचार्ज से मुक्ति मिल जाएगी।

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