पंचायत चुनाव पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला 2021 की आरक्षण व्यवस्था पर लगाई रोक। कोर्ट ने इसे 2015 के आधार पर करने को कहा साथ ही सरकार से 10 दिन के अंदर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। सरकारी मशीनरी से लेकर चुनाव में दावेदारी ठोक चुके लोगों से लेकर आरक्षण के बाद मायूस होने वालों को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार था।
विज्ञापन



दरअसल, आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के बाद आई आपत्तियों का निस्तारण कर जिला प्रशासन को अंतिम सूची जारी करनी थी। इस बीच लखनऊ हाईकोर्ट ने आधार वर्ष का मुद्दा उठाने वाली एक याचिका पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण और आवांटन को अंतिम रूप देने की कार्रवाई पर 15 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी।



अब सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। शनिवार और रविवार को राजनीति से जुड़े रहने वाले लोग इस मसले पर चर्चाओं में मशगूल रहे। आरक्षण सूची में मन मुताबिक, सीटों के आने के बाद चुनाव में दावेदारी ठोक चुके लोगों के चेहरों पर उदासी देखी गई थी। पोस्टर, बैनर छपवाकर प्रचार-प्रसार में लग जाने वाले दावेदार परेशान थे।

उन्हें चिंता सता है कि लगी कि, कहीं आरक्षण में अब फिर हाथ आई उनकी सीट हाथ से तो नहीं निकल न जाए। ठीक उलट उन लोगों को आस बंध गई है, जिनके हाथ से सीट निकल गई थी। वह उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कुछ बदलाव हो जाए। सीटों के उलटफेर में मन माफिक सीट होने से चुनावी जंग में उतरने का एक मौका उन्हें भी मिल जाए

2 टिप्पणियाँ

If you have any doubts, please let me know

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने