उ प्र पंचायत चुनाव मे कोर्ट के दखल के बाद नया मोड़ आ गया हैै । अब 1995 नही 2015 की नियमावली को माना गया हैै चुनाव प्रक्रिया मे आरक्षण प्रक्रिया का आधार ।
इस निर्णय से आरक्षण प्रक्रिया फिर से होने के आसार हैं । एक बड़ी खबर के अनुसार
हाईकोर्ट ने उ प्र पंचायत चुनाव आरक्षण में 2015 को ही आधार माना है।
हाईकोर्ट ने 1995 के सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। और नया चुनाव 2015आरक्षण प्रक्रिया के अनुसार कराने का आदेश जारी किया हैै ।
आधे घंटे की बहस के बाद कोर्ट के निर्णय से यू पी सरकार के वर्तमान प्रक्रिया को बड़ा झटका लगा हैै ।
कोर्ट ने यूपी सरकार को 10 दिन का समय देते हुये पुनः आरक्षण सूची जारी करतें हुये चुनाव कराने का निर्देश जारी किया हैै ।
सूत्रों की माने तो 27 मार्च तक पुनः आरक्षण सूची जारी हो सकता हैै ।
कुछ उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी हैै तो कुछ के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा हैै ।
उमेश चन्द्र तिवारी
हिन्दी संवाद न्यूज़
उ प्र
माननीय न्यायालय ने जो फैसला लिया है वह सर्वोपरि है और सही है इसलिए हम सबको इसका पालन करना चाहिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंBahut sahi keya
हटाएंदिल के अरमां आसूंओं में बहा गए कई भावी प्रत्याशी प्रधान होते रहा गए
जवाब देंहटाएंदिल के अरमां आसूंओं में बहा गए कई भावी प्रत्याशी प्रधान होते रहा गए
जवाब देंहटाएंSahi kiya
जवाब देंहटाएंबेशक न्यायालय के बिना कोई भी कार्य बिल्कुल पारदर्शिता से हो ही नही रहा । सरकार की ओर से मुलाजिम ने कोर्ट मे क्षमा माँग कर यह सिद्ध किया हैै ।
जवाब देंहटाएंन्यायालय ना होता तो निश्चित ही कानून और नियमों की दुर्गति हो गई होती सत्ता के लिए
जवाब देंहटाएंमाननीय न्यायालय ने जो फैसला लिया है वह सर्वोपरि है और सही है इसलिए हम सबको इसका पालन करना चाहिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमाननीय हाईकोर्ट न्यायालय ने आरक्षण नियमावली 2015 के आधार पर चुनाव प्रक्रिया कराने का आदेश पारित किया | माननीय न्यायालय का यह फैसला सवोर्परि एवं सही है, हम सबको माननीय न्यायालय के इस आदेश का पालन करना चाहिए |
जवाब देंहटाएंमाननीय न्यायालय ने जो फैसला लिया है वह सर्वोपरि है और सही है
जवाब देंहटाएंन्यायालय का फैसला सर्वोपरि है व आदेश का पालन करना चाहिए
जवाब देंहटाएंमाननीय न्यायालय का फैसला सराहनीय है
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