NCR News:किसान आंदोलन से जुड़े ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक की गिरफ्तारी पर दिल्ली की कोर्ट ने 15 मार्च तक रोक लगा दी है। दोनों ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर मंगलवार दोपहर 2 बजे सुनवाई की गई। पहले इस केस की सुनवाई सुबह 10 बजे होनी थी, लेकिन दोनों के वकीलों ने जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस के जवाब को पढ़ने के लिए समय मांगा था, जिसके बाद सुनवाई को दोपहर तक टाल दिया गया था। केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने की। इसी मामले में बेंगलुरु की एक्टिविस्ट दिशा रवि को कोर्ट जमानत दे चुका है।दिल्ली पुलिस ने वकील निकिता जैकब और इंजीनियर से एक्टिविस्ट बने शांतनु मुलुक के खिलाफ राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया था। निकिता की तरफ से वकील रेबेका जॉन तो शांतनु की तरफ से वीरेंद्र ग्रोवर केस की पैरवी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इन दोनों के अलावा एक्टिविस्ट दिशा रवि को भी देश के खिलाफ षड़यंत्र रचने और देशद्रोह का आरोपी बनाया था। दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को भारत की छवि खराब करने के लिए बनी योजना का हिस्सा बताया था।
दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को जो टूलकिट शेयर की गई थी, उसे बनाने में इन तीनों का हाथ था। गिरफ्तारी की तलवार लटकने के बाद अग्रिम जमानत के लिए निकिता और शांतनु 23 फरवरी और 1 मार्च को कोर्ट की शरण में पहुंचे थे।कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दोनों को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। हालांकि, शांतनु ने जमानत याचिका में दावा किया है कि उसने सिर्फ आंदोलन की जानकारी देने के लिए टूलकिट तैयार किया था, जिसे बाद में उसकी जानकारी के बिना एडिट कर शेयर किया गया।
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