चार साल में 1.38 करोड़ बिजली कनेक्शन दिए
अंधेरा अब उत्तर प्रदेश की पहचान नहीं, रोशनी से जगमगा रहा है नया उत्तर प्रदेश
01 ट्रिलियन इकॉनमी की तरफ बढ़ते प्रदेश में पर्याप्त बिजली का मिल रहा लाभ
कांग्रेस शासित महाराष्ट्र और राजस्थान में यूपी से भी महंगी है बिजली
किसानों को दी गई बिजली की कुल लागत का उनसे 18ः लिया जा रहा, 82ः प्रदेश सरकार दे रही सब्सिडी
पारेषण क्षमता 8000 डॅ और आयात क्षमता 8700 डॅ बढ़ी है
-श्री श्रीकांत शर्मा
लखनऊ, दिनांक: 04 मार्च, 2021
प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश में सूर्यास्त से सूर्योदय तक कहीं भी अंधेरा नहीं रहता। सभी जिलों, तहसीलों और गांवों में निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में कुछ वीआईपी जिलों में ही सप्लाई होती थी। आज सभी 75 जिलों को बिना किसी भेदभाव के बिजली की आपूर्ति की जा रही है। आज जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे व गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है तथा विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सूर्यास्त के बाद ग्रामीण क्षेत्र भी कटौतीमुक्त हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले 15 साल में जो भी सरकारें प्रदेश में रहीं, उन्होंने ऊर्जा विभाग को कर्ज में डुबो दिया। आज जनसहभागिता से उस घाटे को पूरा किया जा रहा है। महाराष्ट्र और राजस्थान में जहां कांग्रेस है वहां यूपी से भी बिजली महंगी है। यूपी में अब किसानों द्वारा उपयोग की जा रही बिजली की कुल लागत का लगभग 18ः ही किसानों से लिया जा रहा है। बाकी 82ः प्रदेश सरकार सब्सिडी के रूप में दे रही है। सिंचाई के लिये किसानों को पहले की तरह रात भर नहीं जागना पड़ता, कृषकों को बिजली आपूर्ति हेतु फीडर सेपरेशन कर दिन में 10 घंटे बिजली दी जा रही है।
श्री शर्मा ने बताया कि सरकार ने अब तक 576 नए 33ध्11 उपकेंद्र बनाये हैं तथा 1036 उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष की 21,632 डॅ की पीक मांग के सापेक्ष मौजूदा वित्तीय वर्ष में 23,867 डॅ तक मांग की आपूर्ति की गई। प्रदेश में लगभग 24,000 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता है जो मांग के अनुरूप पर्याप्त है। पूर्व की सरकार में ग्रिड की क्षमता महज 16500 डॅ थी, अब 24,500 डॅ है। आयात क्षमता को भी 7800 डॅ से 13400 डॅ तक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि पारेषण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 765 केवीए का 01, 400 केवीए के 09, 220 केवीए के 29 व 132 केवीए के 50 पारेषण उपकेंद्र बनाये गये हैं। इसी प्रकार मार्च 2021 तक विभिन्न क्षमताओं के कुल 22 नए पारेषण उपकेंद्र भी उर्जित हो जाएंगे।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार बनने से अबतक 45 हजार 85 सर्किट किमी पारेषण लाइन भी बनाई गई। आज प्रदेश में सभी विधाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 26,937 मेगावाट है जो कि 3 वर्ष पूर्व की क्षमता से लगभग 4000 मेगावाट अधिक है। 2024 तक इसमें 8262 डॅ की वृद्धि होगी। अभी तक प्च्क्ै टाउन्स में 1076 किमी, प्च्क्ै (ळव्प्) के तहत 10016 किमी व सौभाग्य योजना के तहत 24885 किमी जर्जर लाइनों को ।ठब् में बदला जा चुका है।
अंधेरा अब उत्तर प्रदेश की पहचान नहीं, रोशनी से जगमगा रहा है नया उत्तर प्रदेश
01 ट्रिलियन इकॉनमी की तरफ बढ़ते प्रदेश में पर्याप्त बिजली का मिल रहा लाभ
कांग्रेस शासित महाराष्ट्र और राजस्थान में यूपी से भी महंगी है बिजली
किसानों को दी गई बिजली की कुल लागत का उनसे 18ः लिया जा रहा, 82ः प्रदेश सरकार दे रही सब्सिडी
पारेषण क्षमता 8000 डॅ और आयात क्षमता 8700 डॅ बढ़ी है
-श्री श्रीकांत शर्मा
लखनऊ, दिनांक: 04 मार्च, 2021
प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश में सूर्यास्त से सूर्योदय तक कहीं भी अंधेरा नहीं रहता। सभी जिलों, तहसीलों और गांवों में निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में कुछ वीआईपी जिलों में ही सप्लाई होती थी। आज सभी 75 जिलों को बिना किसी भेदभाव के बिजली की आपूर्ति की जा रही है। आज जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे व गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है तथा विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सूर्यास्त के बाद ग्रामीण क्षेत्र भी कटौतीमुक्त हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले 15 साल में जो भी सरकारें प्रदेश में रहीं, उन्होंने ऊर्जा विभाग को कर्ज में डुबो दिया। आज जनसहभागिता से उस घाटे को पूरा किया जा रहा है। महाराष्ट्र और राजस्थान में जहां कांग्रेस है वहां यूपी से भी बिजली महंगी है। यूपी में अब किसानों द्वारा उपयोग की जा रही बिजली की कुल लागत का लगभग 18ः ही किसानों से लिया जा रहा है। बाकी 82ः प्रदेश सरकार सब्सिडी के रूप में दे रही है। सिंचाई के लिये किसानों को पहले की तरह रात भर नहीं जागना पड़ता, कृषकों को बिजली आपूर्ति हेतु फीडर सेपरेशन कर दिन में 10 घंटे बिजली दी जा रही है।
श्री शर्मा ने बताया कि सरकार ने अब तक 576 नए 33ध्11 उपकेंद्र बनाये हैं तथा 1036 उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष की 21,632 डॅ की पीक मांग के सापेक्ष मौजूदा वित्तीय वर्ष में 23,867 डॅ तक मांग की आपूर्ति की गई। प्रदेश में लगभग 24,000 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता है जो मांग के अनुरूप पर्याप्त है। पूर्व की सरकार में ग्रिड की क्षमता महज 16500 डॅ थी, अब 24,500 डॅ है। आयात क्षमता को भी 7800 डॅ से 13400 डॅ तक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि पारेषण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 765 केवीए का 01, 400 केवीए के 09, 220 केवीए के 29 व 132 केवीए के 50 पारेषण उपकेंद्र बनाये गये हैं। इसी प्रकार मार्च 2021 तक विभिन्न क्षमताओं के कुल 22 नए पारेषण उपकेंद्र भी उर्जित हो जाएंगे।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार बनने से अबतक 45 हजार 85 सर्किट किमी पारेषण लाइन भी बनाई गई। आज प्रदेश में सभी विधाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 26,937 मेगावाट है जो कि 3 वर्ष पूर्व की क्षमता से लगभग 4000 मेगावाट अधिक है। 2024 तक इसमें 8262 डॅ की वृद्धि होगी। अभी तक प्च्क्ै टाउन्स में 1076 किमी, प्च्क्ै (ळव्प्) के तहत 10016 किमी व सौभाग्य योजना के तहत 24885 किमी जर्जर लाइनों को ।ठब् में बदला जा चुका है।
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