विगत 04 वर्षों में 11 नहर परियोजनाओं के पूरा होने से 2.28 लाख
से अधिक किसान हुए लाभान्वित
लखनऊ, दिनांकः 23 मार्च, 2021
वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विगत 04 वर्षों में लम्बे समय से ठप्प पड़ी हुई परियोजनाओं को पूरा कराकर उन्हें क्रियाशील बनाने का कार्य किया गया है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 08 परियोजनाएं-बाण सागर नहर परियोजना, पहाड़ी बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, पहूंज बांध पुनरोद्धार परियोजना, गुण्टा बांध रेस्टोरेशन/रिनोवेशन आॅफ एलाइड वर्क परियोजना, पं0 दीनदयाल उपाध्याय पथरई बांध परियोजना, लहचूरा बांध परियोजना तथा मौदहा बांध नहर प्रणाली की क्षमता स्थापित की गई। इन परियोजनाओं के पूरा होने से 2.167 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुई और इससे 2.28 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 03 परियोजनाएं-रसिन बांध परियोजना, जाखलौन नहर किमी0 0 से 34.300 तक प्रणाली क्षमता पुनस्र्थापना, जाखलौन पम्प नहर पर 2.50 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना की गई। इससे 0.379 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुई और 5017 किसान लाभान्वित हुए।
से अधिक किसान हुए लाभान्वित
लखनऊ, दिनांकः 23 मार्च, 2021
वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विगत 04 वर्षों में लम्बे समय से ठप्प पड़ी हुई परियोजनाओं को पूरा कराकर उन्हें क्रियाशील बनाने का कार्य किया गया है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 08 परियोजनाएं-बाण सागर नहर परियोजना, पहाड़ी बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, पहूंज बांध पुनरोद्धार परियोजना, गुण्टा बांध रेस्टोरेशन/रिनोवेशन आॅफ एलाइड वर्क परियोजना, पं0 दीनदयाल उपाध्याय पथरई बांध परियोजना, लहचूरा बांध परियोजना तथा मौदहा बांध नहर प्रणाली की क्षमता स्थापित की गई। इन परियोजनाओं के पूरा होने से 2.167 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुई और इससे 2.28 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 03 परियोजनाएं-रसिन बांध परियोजना, जाखलौन नहर किमी0 0 से 34.300 तक प्रणाली क्षमता पुनस्र्थापना, जाखलौन पम्प नहर पर 2.50 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना की गई। इससे 0.379 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित हुई और 5017 किसान लाभान्वित हुए।
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