मुरैना ||मुरैना विकासखण्ड के ग्राम करूआ निवासी अशोक सिंह पुत्र जगजीत सिंह नीबूं का बगीचा लगाकर अपने आप को गौरवान्वित मेहसूस कर रहे है।  
करूआ निवासी अशोक सिंह ने बताया कि परंपरागत खेती करने से खेती में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही थी, इतनी राशि नहीं थी कि फल,फू्रट का बगीचा लगा सकें। मुझे कृषि विभाग के एसएडीओ ने सलाह दी कि उद्यानिकी विभाग द्वारा नीबूं का बगीचा लगाने के लिये जिले को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस पर मैंने आवेदन किया और अपनी 8 बीघा जमीन में से 2 बीघा जमीन पर नीबूं का बगीचा लगाने का निर्णय लिया। मेरे द्वारा आवेदन उद्यानिकी विभाग में किया, कुछ समय बाद मेरे मोबाइल पर एसएमएस आया और मुझे उद्यानिकी विभाग बुलाया गया। जिसमें मुझे हाईब्रिड के पेड़-पौधे लगाने की ट्रेनिंग दी गई तथा बगीचे में मजूदरी तौर पर प्रति व्यक्ति को 190 रूपये मनरेगा के तहत भुगतान की बात कही। मेरे द्वारा हाईब्रिड पौध की चर्चा करने के उपरांत पौध शाला से 25 रूपये के मान से 250 पौधे प्रदाय किये। मेरे द्वारा 2 बीघा खेत में पौधे लगाये, हाईब्रिड पौधा नीबूं 6 माह में सर्वायकर दो फुट का हो चुका है। मैं, मेरी पत्नि, दोंनो बेटे एवं उनकी पत्नियां श्रमदान के तौर पर अपने ही खेत में काम करने लगीं, जिसके मस्टर कृषि विभाग के एसएडीओ द्वारा भरा गया और अभी तक 6 माह में मजूदरी बतौर 16 हजार रूपये प्राप्त हो चुकें है। 3 साल में एक लाख 41 हजार रूपये मजदूरी के तौर पर प्राप्त होंगे और खुद का बगीचा फल देने लायक तैयार हो जायेगा। उसके बाद बगीचें में जो फल आयेंगे, उससे आमदनी का स्त्रोत अतिरिक्त होगा। यानी आम के आम, गुठलियों के भी दाम।

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