नई दिल्ली, । उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई है। 100-150 लोग के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने के लिए सेना को भी लगाया गया है। इसके साथ ही आईटीबीपी और एनडीआरएफ के दलों को उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर रवाना कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में मदद के लिए देहरादून और आस-पास के क्षेत्रों में वायुसेना के दो एमआई-17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टरों को भेजा गया हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि चमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा बांध पर असर हुआ है। ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था उस पर भी असर हुआ है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। ऋषिकेश, हरिद्वार समेत कई जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे के कानपूर और बनारस सहित 27 जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है।

हर संभव मदद का भरोसा

गृह मंत्री ने कहा कि अनडीआरएफ की 3 टीमें वहां पहुंच गई हैं, बाकी टीमें दिल्ली से रवाना होने के लिए तैयार हैं। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, आइटीबीपी के डीजी और एनडीआरएफ के डीजी से बात की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।

यूपी में भी अलर्ट जारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों और एसडीआरएफ को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं

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