मिर्जापुर। हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही संस्कार हमारे अवचेतन मन पर पड़ जाते हैं। वही प्रकट होकर हमारे जीवन को नियंत्रित और निर्धारित करता है। उक्त बातें आचार्य श्री 108 महामुनिराज प्रमाण सागर ने बृहस्पतिवार को बाजीराव कटरा स्थित कृष्णा ग्रैंड पैलेस में आयोजित प्रवचन के दौरान आए भक्तों को संबोधित करते बोल रहे थे।
खचाखच अनुयायियों से भरे सभागार में आचार्य महामुनिराज ने भक्तों के शंका समाधान भी किए। श्रद्धालुओं के एक के बाद एक पूछे गए प्रश्नों का उन्होंने न सिर्फ सहजता से उत्तर दिया बल्कि उन्हें संतुष्ट भी किया। इस दौरान एक छोटी बच्ची के जिज्ञासा भरे प्रश्न कि छोटे होने पर भाई-भाई जो प्रगाढ़ प्रेम रहता है वह बड़ा होने पर क्यों नही रहता। इस पर महामुनिराज प्रमाण सागर ने कहा बड़ा होने पर भाई-भाई के जिंदगी में कोई और आकर उस प्रेम को चुरा लेता है। प्रवचन में स्थानीय भक्तों के अलावा गैर जिले और प्रांतो से आए भारी संख्या में अनुयायी मौजूद रहे। शुक्रवार को भी मंगल प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। तत्पश्चात एक बजे आचार्य का संदेश व रथवर्तन यात्रा नगर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमा करते हुए फतहां के रास्ते वाराणसी (काशी) के लिए प्रस्थान कर जाएगा। कार्यक्रम में विमल जैन, ऋषभ जैन, विक्रम जैन, विकास जैन, सुमन जैन, किरन, मनोज, अश्वनी जैन आदि का विशेष सहयोग रहा।

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