मथुरा || किसान आंदोलन की तपिश पत्रकारों तक भी पहुंचने लगी है। किसान और सरकार के बीच चल रहे टकराव की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर पक्षपात के आरोप बहुत पहले से लग रहे थे, अब कार्रवाही का दौर शुरू हो गया है।दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर किसान आंदोलन की कवरेज करने वाले ’द कारवां’ के पत्रकार मनदीप पूनियां की गिरफ्तारी के विरोध में छाता प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी छाता हनुमान प्रसाद मौर्य को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से छाता प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार मनदीप पूनियां को तत्काल रिहा किये जाने व उन पर लगाये गए सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की। छाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रताप सिंह ने पत्रकार मनदीप पूनियां पर की गई कार्यवाही को प्रेस की आजादी के लिए खतरा बताया। छाता प्रेस क्लब के महासचिव सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि कबरेज के दौरान पत्रकारों के साथ प्रशासन ध् सरकार द्वारा ऐसा किया जाना लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ को मिले आजादी के अधिकारों का हनन करना व उनको ठेस पहुंचाने वाला है।

 इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में खेमचंद अग्रवाल, मोहनश्याम चौधरी, भगतसिंह चौधरी, अरुण ठाकुर, मानवेन्द्र चौधरी, श्वेतांक शर्मा, अजय चौधरी, राजू गुप्ता, सोनू गौड़, सन्तोष कुमार, कृष्णा ठाकुर, गोपीनाथ तिवारी, शाहरुख खान सहित अन्य पत्रकार शामिल रहे।

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