तहसील उतरौला मुख्यालय पर स्थित एक मात्र राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास में छात्रों के  लिए सुविधाएं न होने से छात्रों का इससे मोहभंग हो गया है। छात्रावास में हालत यह है कि इसमें तीन चौथाई से अधिक सीटें खाली पड़ी है।
तहसील उतरौला में मोहम्मद युसूफ उस्मानी इण्टर कालेज के बगल ही पचासों लाख रुपए के लागत से पचास छात्रों के लिए सरकार ने छात्रावास का निर्माण कराया। निर्माण कार्य पूरा होने पर उसे समाज कल्याण विभाग को हस्तांतरित कर दिया लेकिन छात्रावास के अधीक्षक पद पर तैनाती दसो वर्ष से नहीं हुई है। छात्रावास में इस समय लगभग पन्द्रह छात्र होने पर उनके खाना बनाने के लिए रसोईया की तैनाती आजतक नहीं हुई। शुद्व पेयजल के लिए पानी की टंकी नहीं बनाई गई है। छात्र परिसर में लगे हैण्डपम्प का सहारा रहता है। चौकीदार, सफाई कर्मचारी, धोबी व चपरासी की तैनाती आजतक नहीं हुई है। यहां पर रहने वाले पचास  छात्रो के लिए बड़ा सा मेस बना है लेकिन रसोइया की तैनाती न होने से छात्र किसी तरह अपने कमरे में खाना बनाते है और खुद सफाई करते हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी एम पी सिंह ने बताया कि अधीक्षक के पद काफी समय से खाली पड़े हैं। सफाई के लिए स्वीपर जिला मुख्यालय से भेजकर सफाई कराई जाती है। छात्र कोपरेटिव सिद्धान्त पर मेस चला सकते हैं। मेस में किसी रसोईया की तैनाती नहीं हुई है। कोविड 19 के कारण छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया है। 
छात्रावास में छात्रों के प्रवेश के लिए निकटतम विघालय से सम्पर्क कर अधिकतम छात्रों को प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार से अधीक्षक पद के लिए वेतन बजट आता है लेकिन उनकी तैनाती न होने से वापस चला जाता है। छात्रों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए मोटर लगाने के लिए विभाग से बजट की मांग की गई है। छात्रों के आवास के लिए अधिकतम सुविधाएं दिलाने का विभाग प्रयास कर रहा है।


असगर अली 
उतरौला 

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